रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

Monday, 25 April 2016

स्कूटी का प्रेम

#लप्रेक
शाम के 6.30 बजते ही कोचिंग क्लास की भीड़ धीरे धीरे अपने घर की ओर बढ़ने लगी.
सना ने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और पीछे धीरज यानी डीजे को इशारा किया, जो अभी तक
राधा के साथ क्लासरूम से बाहर ही निकल ही रहा था.
"कमऑन आई विल ड्राप यू होम"
"नो,नो, थैंक यू सना! आई विल बी फाइन, यू गो "
"नो, आई इन्सिस्ट, प्लीज सिट" , मुस्कुराते हुए उसने फिर से कहा.
"ओके! बाय राधा! टेक केयर, सी यू टुमारो"
हेलमेट लगाने के बाद सना ने डीजे की तरफ दूसरा हेलमेट बढ़ाया.
"ओह.. थैंक यू.."
"यू सेड इट.."
दोनों स्कूटी पर बैठ गए. सना ने जान भूझ के स्कूटी को हिलाया, पहले दोनों साथ डगमगाये, और फिर हंसने लगे.
"येस! यू कैन" , सना बोली.
"आई कैन! व्हाट..??", डीजे बोला.
"यू कैन होल्ड मी"
"ऑलराइट!", वो मुस्कुराया.
धीरज ने उसके कन्धों को थाम लिया. और दोनों चल पड़े.
इधर राधा कुछ फूस-फुसायी-
"चुड़ैल! देख लेना कल से मैं भी स्कूटी लाऊंगी, मन कर रहा है , तेरे बाल नोंच लूँ"
और उधर, अपने रास्ते पे निकल पड़े, उन दोनों की हंसी की आवाज़ धीरे धीरे कम होती गयी.

जोक ऑफ़ द डे

#रिकी_बॉस
#जोक_ऑफ़_द_डे
पहले ही लेक्चर के लिए मैं यानी रिकी 15 मिनट लेट हो चुका था. आई वाज वरिड इफ शी (प्रोफेसर) वुड मी अटेंड द लेक्चर और नॉट.
क़दमों को मैंने थोड़ी और तेज़ी दी. कॉलेज के ऑलमोस्ट गेट तक पहुँच चूका था, जब मेरी नज़र उनपे गयी.
कुछ बतिया रही थी, बाहर ठेले वालों से. मैं खुद को रोक नहीं पाया, और बढ़ा उनकी ओर!
"भाई! RPF के फॉर्म आये हैं क्या.", मैं उनमें से एक से बोला. (कुछ तो बहाना चाहिए ही था.)
आई नोटिसड थोड़ी चढ़ाई थी उन्होंने.
"मैं एक जोक सुनाऊ आपको ", वो उन ठेले वालों से बोली.
"हाँ मैडम! सुनाइए न!", उनमें से एक बोला.
उसने शुरू किया...
"एक लड़का और लड़की साथ जा रहे होते हैं, की तभी......" शी कंटिन्यूड.
उसने जोक कम्पलीट किया, और बस वो ही ठहाका मारा के हँस रही थी.
और बांकी वो तीनों के मुंह खुले के खुले रह गए, हैरानी से-
"भाई, क्या कह गयी ये लड़की..??"
और मैं उनकी ये ठहाका वाली हंसी पे मुस्कुरा रहा था.
नहीं, मैं नहीं हंसा. आई डीड नॉट फाइंड देट फनी. अगर मेरे मेल फ्रेंड्स इसी को मुझे सुनाते, तो मैं कहता,
"बैड जोक, ट्राय समथिंग बेटर"
आसन शब्दों में ये की, देट वाज अ नॉन-वेज जोक. तभी तो वो तीन अभी तक हक्के बक्के थे.
"छी: कैसी लड़की है ये, कोई शर्म नहीं, कोई लिहाज नहीं" आपस में कहने लगे.
"मैडम! आपको ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए थी, ये कोई अच्छी बात नहीं है.", उनमे से एक हिम्मत कर बोला.
ओह गॉड! फिर से!! ये टिपिकल इंडियन सोच!! मुझसे फिर रहा नहीं गया, बोल पड़ा..
"क्या गलत बात है इसमें..? क्या उसने आप तीनों में से किसी को गाली दी..?"
वो एक दुसरे का चेहरा देखने लगे. बोले.
"नहीं, पर..."
"अच्छा, उसने जोक सुनाया.! चुटकुला.! समझते तो हैं न आप?",  उनकी बात काटते हुए मैं बोला.
"मगर ऐसी बातें भैया..."
"अच्छा ..? अगर यही बात/जोक कोई आदमी आपको सुनाता तो.. फिर तो आपको ये जरुर मजेदार लगता."
"जस्ट बिकॉज़ वो लड़की है, इसीलिए आप सबको ये गलत लग रहा है.."
"आप आदमी लोग, अपनी औरतों को मारते होगे, पीटते होगे, गालियाँ भी देते होंगे.. और कब तक ऐसे ही चलेगा ये सब.?"
अगर आज लड़की को भी गाली देने की जरुरत पड़ी, तो आप को इसमें भी गलत लग रहा है.
जो औरतों को पीटते हैं, गालियाँ देते हैं, अब ये इनको जवाब देंगी, अपनी गालियों से, क्यूंकि अब ये और नहीं सहने वाली
अपने हक और सम्मान के लिए अब इन्होंने उठना शुरू कर दिया है.
वो तीनों चुप थे. और इधर वो, वहीँ पास में बेंच पर बैठी सिगरेट पी रही थी.. इन सबसे अनजान.. बेसुध सी..
मैंने उनको उठाया और मजाक करते हुए कहा-
"अच्छा तो आज आप यहाँ लेक्चर दे रही थी.. और ये तो नए बच्चे हैं.."
वो बस हल्की सी मुस्कुरायी..
"थैंक यू रिकी.." उसने कहा..
और हाँ वो क्या कहते हैं...
नोट - किसी की  भावना आहत हो रही है तो ठंढ़े पानी से मुँह धोकर सो जाए । गर्मी बहुत है और फेसबुक का पारा हरदम्मे गरम रहता है ।
(भानु भैया के टाइमलाइन से लिया गया आखिरी लाइन)