#रिकी_बॉस
#परिचय
मैं कॉलेज से घर के लिए निकला. कॉलेज के बस स्टॉप पे पहुंचा.
बस स्टॉप पहुँचते ही 794 दिखी. जिसको मैं सुपर सेक्सी बस कहा करता था. नहीं ऐसा नहीं की वो बिकिनी पहन के आती थी.
(वैसे आपको बता दूं - 794 DTC की एक बस का नंबर है अगर आपको ना पता हो)
वो इसीलिए क्योंकि देट वाज द ओनली बस जो मुझे मेरे घर के स्टॉप तक शोर्टेस्ट रूट से पहुचाया करती थी. और सुपर सेक्सी ही इसीलिए क्यूंकि "सेक्सी" नाम मैंने बस नंबर 724 को दे रखा था. क्योंकि वो घर से 2 स्टॉप पहले तक ही थी.
हाँ तो मैं वहां पंहुचा और देखा की 794 के पीछे "बाहरी मुद्रिका" आ रही है.
अरे हाँ, वही बाहरी मुद्रिका जिसका रूट दिल्ली में सबसे लम्बा है. बहुत घुमा के ले जाती है बाबा रे..
हालाँकि वो भी मेरे घर के स्टॉप तक जाती है. वैसे तो मैं 794 देख के ही उसमे घुस जाया करता था. पर लेकिन पता नहीं उस दिन क्यू मैं बाहरी मुद्रिका में घुस गया.
देखा पीछे बस में एक सीट खाली है. सो आई रीचड देयर. अपने सहयात्री से पुछा मैंने पुछा, बॉस ये अपना बैग उठा लोगे?
उसने मेरी ओर देखे बिना ही अपना बैग उठा के अपने पास रख लिया. और मैं बैठ गया. बस कुछ ही दूर गयी होगी, जब उसने कहा-
भाई! तिलक पुल जाती है न बस..??
मैंने कुछ याद किया और बोला - हाँ!! अभी काफी टाइम है.
"अच्छा! आप कहाँ तक जायेंगे?", उसने पुछा
"आपसे 3 स्टॉप पहले है मेरा वाला.
" ओह...!!
(आई नोटिसड हिज व्रिस्ट, देयर वाज ए टैटू रिटेन एज R.B (होरिजेंटली) एंड उस B के ऊपर एक और B (वर्टिकली) लिखा था. यानी B.B)
व्हट्स देट मीन? (उधर इशारा करते हुए कहा)
ओह.. R.B मीन्स "रिकी बॉस"
येह! रिकी!! देट वुड बी मी. (अपनी तरफ इशारा करते हुए कहा)
एंड दिस B.B मीन्स "बिहारी बाबू".
व्हाट !! यू सीरियस ? यू फ्रॉम बिहार..?
व्हट्स देयर टू बी सीरियस.? ओफ़्कौर्से आई ऍम.
वेल!! यू डोंट लुक लाइक देम.!! (हल्की मुस्कान के साथ)
जस्ट बिकॉज़ आई एम् वेल ड्रेस्ड..?
नो नो नो .. यू आर गेटिंग मी रोंग..!! आई डोंट मीन डेट! इट्स जस्ट योर एक्सेंट..!!
हाँ, मैं लगभग 15 सालों से बाहर रह रहा हूँ. देट्स व्हाई..
ओह!!
अगर हमारे पास भी इतनी मूलभूत सुविधाएँ रहती, तो हमें भी अपना घर अपना गाँव नहीं छोड़ना पड़ता.. (कहते कहते वो चुप हो गया.)
"एनीवे, वहां तिलक पुल में कहाँ जाना है?"
"बस ऐसे ही. हेव सम वर्क देयर इन गोल्ड जिम."
ओके..
बस दिल्ली कैंट पहुँची, और अब बस में थोड़ी भीड़ बढ़ गयी. एक बुजुर्ग आदमी ने हमारे आगे बैठे वाले बन्दे से सीट मांगी..
"अंकल थोड़ी प्रॉब्लम है" बोल कर खिड़की से बाहर देखने लगा.
"अंकल आप यहाँ बैठ जाइये." प्लीज..!!
मैंने आवाज़ का पीछा किया. एंड इट वाज रिकी. आई वाज लिटिल सप्राइज्ड.
"नहीं इट्स ओके बेटा!! आई विल बी फाइन.." अंकल थोड़ी ख़ुशी के साथ बोले. मैंने नोटिस किया इस बार उनके आँखों में चमक थी.
"नहीं अंकल, आई इंसिस्ट .प्लीज, मेरा स्टॉप, बस आने ही वाला है."
अंकल उसकी सीट पर बैठ गए.
आई सॉ रिकी, और यकीं मानिए उसकी आँखों में कुछ ज्यादा ख़ुशी उनसे ज्यादा चमक देख रहा था.
"कुछ अच्छा करना " शायद इसे ही कहते हैं.!!
"आई रियली अप्प्रीसिएट देट रिकी." मैं बोला..
अरे कोई न.. कह के मुस्कुरा दिया.
"दिस वाज द लीस्ट आई कुड डू,.. यू क्नो फॉर... ह्यूमैनिटी.."
आई शूक माय हेड विथ अ स्माइल . देट वाज रियली कूल ऑफ़ हीम. आई वाज वेरी इम्प्रेस्सेड.
वी एक्सचेंजड आवर कॉन्टेक्ट्स. मेरा स्टॉप आने ही वाला था. मैंने कहा चल, चलता हूँ!!! बाय रिकी.
आई मीन.. रिकी बॉस!!! (हँसते हुए बोला मैं)
बाय एम जेए.. ही वेब्ड हिज हैण्ड..
और बस आगे बढ़ गयी...
:- #MJ_की_कीपैड_से
#परिचय
मैं कॉलेज से घर के लिए निकला. कॉलेज के बस स्टॉप पे पहुंचा.
बस स्टॉप पहुँचते ही 794 दिखी. जिसको मैं सुपर सेक्सी बस कहा करता था. नहीं ऐसा नहीं की वो बिकिनी पहन के आती थी.
(वैसे आपको बता दूं - 794 DTC की एक बस का नंबर है अगर आपको ना पता हो)
वो इसीलिए क्योंकि देट वाज द ओनली बस जो मुझे मेरे घर के स्टॉप तक शोर्टेस्ट रूट से पहुचाया करती थी. और सुपर सेक्सी ही इसीलिए क्यूंकि "सेक्सी" नाम मैंने बस नंबर 724 को दे रखा था. क्योंकि वो घर से 2 स्टॉप पहले तक ही थी.
हाँ तो मैं वहां पंहुचा और देखा की 794 के पीछे "बाहरी मुद्रिका" आ रही है.
अरे हाँ, वही बाहरी मुद्रिका जिसका रूट दिल्ली में सबसे लम्बा है. बहुत घुमा के ले जाती है बाबा रे..
हालाँकि वो भी मेरे घर के स्टॉप तक जाती है. वैसे तो मैं 794 देख के ही उसमे घुस जाया करता था. पर लेकिन पता नहीं उस दिन क्यू मैं बाहरी मुद्रिका में घुस गया.
देखा पीछे बस में एक सीट खाली है. सो आई रीचड देयर. अपने सहयात्री से पुछा मैंने पुछा, बॉस ये अपना बैग उठा लोगे?
उसने मेरी ओर देखे बिना ही अपना बैग उठा के अपने पास रख लिया. और मैं बैठ गया. बस कुछ ही दूर गयी होगी, जब उसने कहा-
भाई! तिलक पुल जाती है न बस..??
मैंने कुछ याद किया और बोला - हाँ!! अभी काफी टाइम है.
"अच्छा! आप कहाँ तक जायेंगे?", उसने पुछा
"आपसे 3 स्टॉप पहले है मेरा वाला.
" ओह...!!
(आई नोटिसड हिज व्रिस्ट, देयर वाज ए टैटू रिटेन एज R.B (होरिजेंटली) एंड उस B के ऊपर एक और B (वर्टिकली) लिखा था. यानी B.B)
व्हट्स देट मीन? (उधर इशारा करते हुए कहा)
ओह.. R.B मीन्स "रिकी बॉस"
येह! रिकी!! देट वुड बी मी. (अपनी तरफ इशारा करते हुए कहा)
एंड दिस B.B मीन्स "बिहारी बाबू".
व्हाट !! यू सीरियस ? यू फ्रॉम बिहार..?
व्हट्स देयर टू बी सीरियस.? ओफ़्कौर्से आई ऍम.
वेल!! यू डोंट लुक लाइक देम.!! (हल्की मुस्कान के साथ)
जस्ट बिकॉज़ आई एम् वेल ड्रेस्ड..?
नो नो नो .. यू आर गेटिंग मी रोंग..!! आई डोंट मीन डेट! इट्स जस्ट योर एक्सेंट..!!
हाँ, मैं लगभग 15 सालों से बाहर रह रहा हूँ. देट्स व्हाई..
ओह!!
अगर हमारे पास भी इतनी मूलभूत सुविधाएँ रहती, तो हमें भी अपना घर अपना गाँव नहीं छोड़ना पड़ता.. (कहते कहते वो चुप हो गया.)
"एनीवे, वहां तिलक पुल में कहाँ जाना है?"
"बस ऐसे ही. हेव सम वर्क देयर इन गोल्ड जिम."
ओके..
बस दिल्ली कैंट पहुँची, और अब बस में थोड़ी भीड़ बढ़ गयी. एक बुजुर्ग आदमी ने हमारे आगे बैठे वाले बन्दे से सीट मांगी..
"अंकल थोड़ी प्रॉब्लम है" बोल कर खिड़की से बाहर देखने लगा.
"अंकल आप यहाँ बैठ जाइये." प्लीज..!!
मैंने आवाज़ का पीछा किया. एंड इट वाज रिकी. आई वाज लिटिल सप्राइज्ड.
"नहीं इट्स ओके बेटा!! आई विल बी फाइन.." अंकल थोड़ी ख़ुशी के साथ बोले. मैंने नोटिस किया इस बार उनके आँखों में चमक थी.
"नहीं अंकल, आई इंसिस्ट .प्लीज, मेरा स्टॉप, बस आने ही वाला है."
अंकल उसकी सीट पर बैठ गए.
आई सॉ रिकी, और यकीं मानिए उसकी आँखों में कुछ ज्यादा ख़ुशी उनसे ज्यादा चमक देख रहा था.
"कुछ अच्छा करना " शायद इसे ही कहते हैं.!!
"आई रियली अप्प्रीसिएट देट रिकी." मैं बोला..
अरे कोई न.. कह के मुस्कुरा दिया.
"दिस वाज द लीस्ट आई कुड डू,.. यू क्नो फॉर... ह्यूमैनिटी.."
आई शूक माय हेड विथ अ स्माइल . देट वाज रियली कूल ऑफ़ हीम. आई वाज वेरी इम्प्रेस्सेड.
वी एक्सचेंजड आवर कॉन्टेक्ट्स. मेरा स्टॉप आने ही वाला था. मैंने कहा चल, चलता हूँ!!! बाय रिकी.
आई मीन.. रिकी बॉस!!! (हँसते हुए बोला मैं)
बाय एम जेए.. ही वेब्ड हिज हैण्ड..
और बस आगे बढ़ गयी...
:- #MJ_की_कीपैड_से
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