#दशहरा_लाइव
#एट_खटीमा
लगभग 3 साल बाद यहाँ खटीमा में दशहरा पर दोबारा हूँ.
पापा ने कहा-"चलो! मेला घुमा लाता हूँ.."
हाथ में पकड़ा सेल फ़ोन नीचे रखा और उनकी तरफ देख के मुस्कुरा पड़ा.
यही कोई 3 या 4 बज रहे होंगे.
हम निकले घर से , फिर बचपन की यादें आँखों के सामने आने लगी .
वो मार्किट की चहल पहल , वो भीड़ ..!!
उसी भीड़ में वो छोटा बच्चा अपने पा की ऊँगली पकड़े आँखों के सामने आने लगा...
पापा "आइसक्रीम..!!" मुस्कुराता हुआ बोला..
पापा उसे देखते हुए मुस्कुरा दिए.. बोले चलो ..!!
अभी थोड़ी देर ही हुई थी की बोला - "पापा आलू-चाट ..!!"
पा बोले " ओके बेटा जी.."
फिर वो 6th स्टैण्डर्ड का बच्चा बोल पड़ा - "पापा चोउमिन प्लीज..!!"
बहुत टेस्टी होता है .. प्लीज पा ..!!
हाँ हाँ ठीक है ..!! खा लो..!!
पा आप भी ट्राय करो न .. आई ऍम श्योर यू विल लाइक इट टू ..!!
नहीं आप खाओ..!!
मैं वो सब सोच ही रहा था .. की बगल में साथ चल रहे पा बोल पड़े
"आज कुछ नहीं खाओगे..??"
मैं हँस पड़ा ..!! बोला नहीं..!! (मुस्कुराते हुए ..!!)
फिर हम रामलीला ग्राउंड पहुचे.. वहां, जहाँ मेरा हाई स्कूल भी है..
डबल स्टोरी बिल्डिंग अंडर कंस्ट्रक्शन में थी..
सब पुरानी बातें आँखों के सामने रिवाइंड होने लगे .!
वो फर्स्ट आना (हाँ और क्या ..!! फर्स्ट भी आया करता कभी..),
वो वर्मा सर का चांटा , वो राम प्रकाश सर का चेहरा , वो गंगवार सर से अनेक्स्पेक्टेड मार खाना.,
मेरे दोस्त कैलाश , संजय , फर्त्याल्स और वो..
तभी पा ने बोला ये लो आ गए .. अभी तो यहाँ कुछ भी भीड़ नहीं है ..
मैं उन यादों से बाहर आता हुआ बोला..
"हाँ अभी कुछ भी नहीं है यहाँ ...!!" और खामोश हो गया मैं ..
की तभी वो खम्बे दिखाई दिए फिर दोबारा मैं वहां चला गया ..
हमारा चोर-पुलिस खेलना , उंच -नीच खेलना , बर्फ-पानी खेलना ..
और खम्बों को देख कर मैं बोला .. पा देखिये इस बार रस्सी भी नहीं लगायी है इन लोगों ने..!! याद है आपको मैं एक बार जब स्कूल से घर आया था ,तो मेरे नाक के ऊपर और आँखों के नीचे निसान पड़े थे ..
वो यहीं की रस्सी से लगे थे ..!!
पा हँस दिए.. बोले- "हाँ याद है..!!"
काफी चोट लगी थी तुझे..!!
फिर वहां से लौटने लगे ..
वो टैटू वाली छोटी लड़की.. वो गुब्बारों का स्टाल.. लेकिन मैं तो अपना सबसे पसंदीदा झूला (roundabout) को ढूंढ रहा था .. लौटते वक़्त दिख गया वो, काफी छोटा था इस बार ..!!
अच्छा था वो वक़्त
पर अब
सब नहीं है
इस वक़्त में ..
#बचपन_की_यादें
(और हाँ..!! वो 6th स्टैण्डर्ड वाला फर्मायसी बच्चा मैं ही था ..))

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