रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

Friday, 20 November 2015

लप्रेक- प्यार का झूला

#लप्रेक
#प्यार_का_झूला
सुमित ने अर्जुन को झूले की लाइन में खड़ा कर टिकट लेने चला गया.
यहाँ अर्जुन उस हजारों की भीड़ में ,पता नहीं किसकी तलाश कर रहा था.
कोई अनजान सा चेहरा जो जाना पहचाना लगे..
लाइन में खड़े हो कर उसने 360 डिग्री में अपना सर धीरे धीरे घुमाया.
कोई मिली ..??
सुमित ने आते ही अर्जुन से पूछ लिया..
दोनों हँस पड़े..
कहाँ यार..!! कोई नि मिली अब तक, न कोई दिखी.
अर्जुन ने नोटिस किया की उसके आगे कोई लड़की खड़ी है.
हाइट एवरेज लड़कियों से या उसके उम्र के लड़कियों से थोड़ी कम थी,
या ये कह लीजिये, अर्जुन से तो कम ही थी.
तो उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया उसपे..
वो सब अपनी लाइन में अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे.
धीरे धीरे जब नंबर आने ही वाला था की,
उसने आगे खड़ी लड़की का चेहरा दिखा.
करीब 3 सेकंड तक उसके चेहरे को एकटक देखता रहा .
(वैसे मैं आपको बता दूं की 3 सेकंड काफी होता है...)
इस बीच लड़की ने भी अर्जुन को देखा. थोड़ी झिझक गयी वो.
 चेहरा कुछ जाना पहचाना लगने लगा..
अरे! ये तो गोपाल है..
हँसते हुए अर्जुन ने सुमित को धीरे से बताया.
कौन गोपाल..?? (उसने पुछा)
ही डजन'ट हेव एनी आईडिया अबाउट देट.
झूला नीचे आया , पुराने लोग नीचे उतरे.
अर्जुन थॉट- आई शुड नॉट इनीसिएट.
मैं चेप नहीं दिखना चाहता उसकी नज़रों में.
और वैसे भी, वो (अर्जुन और सुमित) दो लोग थे.
सो उन्होने एक वेक्न्ट यानी खाली कम्पार्टमेंट चुना.
अर्जुन ने धीरे से सुमित से कहा-,
"साथ में नहीं सामने बैठ."
वो मुंह बना के बैठा और सामने से आवाज़ आई- हरामखोर! कमीने!
अर्जुन ने आँख मार के उसे थैंक्स कहा.
दोस्त हमें समझते हैं, जानते हैं हमारी आदतों को.. तभी तो.. वी लव देम.
अब वो इंतज़ार कर रहा था, की मेरी बगल वाली सीट पर वो मोतरमा आ कर बैठे..
तो...???
वो आई ....!!!!!
हाँ, वो आई उसने पुछा - मेय आई..??
ओह! श्योर..!!! प्लीज...!!
अर्जुन अपना चेहरा दूसरी तरफ कर मुस्कुराने लगा.
हे! तुम्हे डर नहीं लगता ऊंचाई से..??
अगर लगता, तो नहीं चढ़ती.!
ओके! ब्रेव गर्ल हाँ...??
एंड देन शी पास्ड ए स्माइल.
सफ़ेद सूट-सलवार के ऊपर हल्के हरे रंग का स्वेटर पहना था उसने.
वो छुपाने की कोशिश कर रही थी.
लेकिन पैरों में स्लीपर पहने, मीरा के स्वेटर के छेद पर अर्जुन की नज़र चली गयी थी.
हाँ, यही नाम था उसका. "मीरा" .
अर्जुन ने अपनी नज़र हटा ली, उसके झुकते नज़रों को देख.
सो हाउ इज गोपाल हां..??
ठीक ही होगा.
"होगा" मतलब..?? ("होगा" पे ज्यादा जोर देते हुए.)
यू गाइज आर नॉट सीइंग इच अदर..?
नोप. (कह के चुप हो गयी..)
उसके दोनों आँखों के काजल हल्के बिखरे हुए लग रहे थे.
थोड़ी गुमसुम नज़र आ रही थी.
अर्जुन को याद आने लगा, वो सब..
कैसे  4 साल पहले एक ट्यूशन क्लासेज में एक दुसरे से उनकी मुलाकात हुई थी.
वेयर अर्जुन वाज गुड एट हिज स्टडीज. वहीँ मीरा क्लास की सबसे खुबसूरत लड़की.
दे यूज़ड टू एन्जॉय इच अदर कंपनी.
अर्जुन यूज़ड टू फ़्लर्टस विथ हर. और मीरा भी उसके पिकअप लाइन्स की दीवानी थी.
उसे याद आ रही था वो शाम, जब वो दोनों कोचिंग के सामने वाले पार्क में बैठे थे..
नार्मल बातें चल रही थी और अचानक मीरा बोल पड़ी,
आई डोंट क्नो अगर मेरी लाइफ में गोपाल नहीं होता तो, मैं और तू...
कह कर चुप हो गयी .
अर्जुन का मीरा को गोपाल - गोपाल कह के चिढ़ाना याद आ रहा था.
वो ये सब सोच के धीरे से मुस्कुराने लगा.
यहाँ झूले पर उसके किनारे बैठी, मीरा ने उससे पुछा..
क्या हो गया तुम्हे..?? तुम हँस क्यू रहे हो..??
झूला अब चलने ही वाला था.
धीरे-धीरे उसकी स्पीड बढ़ रही थी.
मीरा! मेरे पेट में गुदगुदी हो रही है..!!
अर्जुन, मीरा के कान के पास जा कर बोला.
और दोनों साथ हँस पड़े.
मीरा उसे ऐसे देखने लगी, जैसे कह रही हो..
अर्जुन! तुम अब भी नहीं बदले..!!!
ज्यों ज्यों स्पीड बढ़ रही थी ,अर्जुन स्टार्टेड एन्ज्योइन्ग.
व्हेरेएज मीरा, उसको डर लग रहा था.
मीरा अर्जुन का हाथ पकड़ना चाहती थी.
आखिर वही तो था उस घूमते हुए दुनिया में एक पहचाना ,परखा चेहरा.
मुझे अपना हाथ दो.. (मीरा बोली)
झूले में सब लोग चिल्ला रहे थे , शोर इत्ता ज्यादा था की
पास में बैठा अर्जुन को भी नहीं आया समझ.
क्या...???
बिन कुछ कहे मीरा ने अर्जुन का हाथ पकड़ लिया. टाइट से.
तुम तो कह रही थी , तुम्हें डर नहीं लगता.. (अर्जुन चिल्ला के उसके कानों के पास बोला..)
"झूठ बोल रही थी..." (मीरा ने जोर से हँसते हुए उसके कानों में कहा)
दोनों साथ हँसने लगे.
तुम कब से झूठ बोलने लगी..?? हाँ ..??
तुम्हारे जाने के बाद..
जवाब देने के लिए मीरा भी अर्जुन के थोड़ा पास गयी. और एक सडन झटका झूले में आया.
और अर्जुन की तरफ झुकी मीरा, खुद को संभाल नहीं पायी और...
मीरा के होठ और अर्जुन के गाल. इट वाज जस्ट अ पेक. हल्का सा.
अर्जुन हल्के से हंस पड़ा. दोनों संभले.
थोड़ी हिचकिचाहट थी, मीरा के मन में. थोडा गिल्ट. और थोड़ी खुशी..
मीरा ने महसूस किया की अर्जुन ने उसका हाथ और कश के पकड़ लिया.
वो दोनों चिल्ला रहे थे. एक्साइटमेंट के मारे, ख़ुशी के मारे.
कहते है न अच्छे वक़्त की भी एक बुरी बात होती है.
वो ये की, "ये भी बीत जाता है."
तो झूला रुक गया. और उन दोनों के एक हाथ, अब अलग हो गए.
वो झूले की स्टेयर से नीचे उतरने लगे.
तभी अर्जुन को महसूस हुआ की किसी ने उसके हाथ को थामा.
उसने पीछे मुड़ के देखा.
ये वही थी- "मीरा"
अर्जुन उसे देख मुस्कुराया.
उसकी नज़रें सामने हुई और एक लम्बी मुस्कान के साथ वो चल पड़ा....
और अब दोनों के हाथ एक साथ थे.
आज उसे प्यार का सही मतलब समझ में आ गया..
" #To_Let_Go "
 :- #MJ_की_कीपैड_से




थैंक्स गिविंग स्पीच - शिक्षा भारती

#थैंक्स_गिविंग_स्पीच
#शिक्षा_भारती
#इट्स_नेवर_टू_लेट
(यू कैन रीड इफ यू आर रियली रियली इंटरेस्टेड , कॉज इट कणटैंस 3666 वर्ड्स.)
10th का रिजल्ट आ चुका था. गोट डिसेंट मार्क्स. बट कुड हैव बीन बेटर.
एनीवे आई वाज इन विलेज. हेड ए कॉल फ्रॉम पा. पुछा क्या करना है.?
कहाँ एडमिशन कराओगे..? मैं चुप रहा.
पुराने दोस्त, पुराने स्कूल, पुरानी दुनिया को छोड़ने का गम और नयी दुनिया का डर.
कैसे होगे बच्चे वहां का. क्या कोई मिलेगा जिसके मेरे साथ बनेगी एंड आल..
स्कूल में एडमिशन से पहले यहाँ के बच्चे के लिए काफी नेगेटिव थॉट थी मेरे मन में.
वो कहते है न जब गाज गिरनी होती है तो गिर ही जाती है.
(वैसे सीरियसली मुझे अभी तक नहीं पता चला ये "गाज" के बारे में, क्या होता है यो.. :D )
आई रिचड खटीमा. पा ने कहा, कब से जाओगे स्कूल? क्लासेज हेज बीन स्टार्टेड आलरेडी इन शिक्षा भारती.
मैं चुप हो गया. चेहरे की मुस्कान गायब हो गयी थी.
आपने करवा दिया एडमिशन पा..??
ह्म्म्मम्म...
अब कुछ नहीं हो सकता.?
आई हैव आलरेडी पेड देम बेटा..!!
मैंने अपना मुंह लटका लिया.
अब कोई और चारा नही था.
मैं सुबह सुबह तैयार हुआ, थोडा नर्वस था, पहले दिन के कारण.
जब प्रेयर बेल बजी, आई वाज लिटिल लेट. आई सॉ ऐश्वर्य, और मुझे पता चल गया की मेरी लाइन कौन सी
है. हम पहले भी मिल चुके थे कोचिंग क्लासेज में.
मुझे देखते ही उसने कहा
तू भी आ गया यहाँ..??
मैं क्या कहता.पहला दिन था. मैं बस चुप चाप हामी भर दी.
वैसे बहुत मजे लिए तेरे से हमने, तुझे पता भी नहीं चला. पूछना मत कैसे..??
आफ्टर प्रेयर देन वे रीचड आवर क्लासरूम.
@विवेक, ही वाज द, फर्स्ट जिससे मेरी बात हुई. उसने मुझे अपने पास बैठने की सीट दी.
थैंक्स फॉर देट @विवेक. हम दोनों का फिजिकल अपीयरेंस लगभग एक जैसा था. :D
हमारे क्लास टीचर पालिवाल सर क्लास में आये.
उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया.
यस! व्हाट इज योर नेम..?
मंजेश!
मंजेश... बड़ा नया नाम है तुम्हारा.
मैं मुस्कुराया.
कौन से स्कूल से आये हो?
राणा प्रताप.
अच्छा..! 10th में कितने % थे ..?
76.6
भेरी गुड!
अच्छा हाउ विल यू डिफाइन परसेंटेज..?
मैंने इस पर पूरी क्लास में एक नज़र घुमाई.
बच्चे हँस रहे थे.
यस! टेल मी..!!
A proportion in relation
to a whole(which is usually the amount per hundred).
वो मुझे देखते रहे.
भेरी गुड!
यू मेय गो नाउ!
थैंक यू सर!
और हाँ तुम्हारा रोल नंबर 34 है.
सीट पे बैठने पे मैंने सर को देखा. वो मुझे ही धीरे धीरे सर हिलाते हुए देख रहे थे.
जैसे कह रहे हो.. -" कमाल कर दिया यार तुमने तो..."
उनके बाद मैथ्स का नंबर आया.
मेरी दीदी ने मुझे बताया था कल्याण सर के बारे में.बहुत टैलेंटेड है वो!
उनके सामने अच्छा इम्प्रैशन बनाये रखना.
वो पढ़ा रहे थे , और मैं शायद @पंकज पाटनी के कोई जोक्स पे हँसने लगा.
उन्होंने देखा ऐसे जैसे कह रहे हो - क्या डिअर!!
उन्होंने मुझे खड़ा किया.
तुम्हारा पहला डे है आज? और आज ही से तुम शुरू हो गए. ऐसे थोड़े न होता है..
मैंने नीचे सर झुका के पाटनी को देख सोच रहा था - हो गयी इम्प्रैशन की माँ-बहन!!
वैसे मैंने कभी कल्याण सर की बातों का कभी बुरा नहीं माना.
उनकी क्लास में अलग ही मजा आता था. ही वाज फेब एट हिज जॉब.
पाटनी से याद आता है , चेहरा वो हमेशा दूसरों की टांग-खिचाई में मशगूल रहता था.
ये अभी कुछ दिनों पहले इसे मैंने youtube से डायरेक्ट विडियो डाउनलोड करना सिखाया.
तब से मेरी बातों पे इंटरेस्ट लेने लगा है, सपेसिअल्ली टेक्नोलॉजी रिलेटेड. मानता है..??
और क्लास के तीसरे दिन फिर वो आया..
आकर्ष!!!
मेरा अपकमिंग या टू बी बेस्ट फ्रेंड.
उससे भी पालिवाल सर ने कुछ सवाल पूछे.
और वो वापस आ रहा था. सीट पे बैठने लिए .
सीटें कुछ ही खाली बची थी.
उसने मुझे देखा.
फिर मैंने विवेक से कहा
"सीधा लग रहा है बिठा लेते हें "
और वो बैठा.
मुझे नहीं पता अक्की तेरे दिमाग में क्या चल रहा था उस वक़्त जब तू आ रहा था हमारी ओर .. बताना जरुर.. !!
विवेक तो सेक्शन B में चला गया. और हम दोनों वहीँ रह गए.
धीरे धीरे हमारी बातें होती गयी ,एंड सून ही बिकेम माय कांफिडांट.पता चला ही वाज मेरिट होल्डर.
बड़ा नवाब टाइप का नेचर था इनका. पैदल चलना इनको बिल्कुल पसंद नहीं था. :D
मेरिट होल्डर से याद आया #दोस्त #बबलू
(इफ यू क्नो व्हाट आई मीन ;) )
100 बट्टे 100 नंबर है इसके मैथ्स में. कल्याण सर तो बाकायदा इसका रिजल्ट साथ ले कर घुमा करते थे.
काफी तेज़ लड़का है. फिजिक्स की अपनी पहली ही क्लास में इसने पालिवाल को आश्चर्यचकित कर दिया था.
(मानते हो मेरी हिंदी को...??)
सर ने अपना सवाल ख़तम ही किया था, और इसका जवाब आ गया था. सारे बच्चे की नजर बबलू पर.
बबलू के नाम से याद आया प्रियंका नेगी. काफी हंसी करती थी वो जब मैं बबलू को बब्लूज  (babloos)
कह कर पुकारा करता था. काफी बचपन बचा था उसमे उस वक़्त. मुझे अब का पता नहीं.
वक़्त से याद आया @योगी का. वक़्त का सही उपयोग और घंटी का पूर्ण इस्तेमाल कोई इनसे सीखे.
हाँ जी बिल्कुल, जब भी इन महाशय को भी वक़्त मिलता ये दो तीन झपकी मार लेते. :D :p
झपकियों याद आया @मनोज भंडारी का,नैनीताल में हम सब उधम काट रहे होते और ये सोया रहता.
काफी मदद करी तूने इंटरनल एग्जाम्स में. पता नहीं कैसे सारे आंसर स्टेप बाय स्टेप रट लेता था.
 मेहनत और मेरा दूर दूर से कोई वास्ता नहीं. काफी अच्छे इंसान थे तुम दोनों  @योगी और #भंडारी.
एग्जाम्स से याद आया कपिल कापड़ी का. ये मेरे आगे बैठा करता था.
जब पहली बार मुझे अपनी आंसर शीट न दिखाने के लिए गालियाँ सुना रहा था, तब पालिवाल सर ने
इसको नोटिस कर लिया और इसकी डिटेल्स लेने लगे. मुझे बिल्कुल पसंद नहीं था ये बंदा.
इसका इम्प्रैशन मेरे दिमाग में #बेड_बॉय की बनी थी.
एक्चुअली बात ऐसी थी की , जब मैं पुराने स्कूल में था, तब मेरी गिनती उन बच्चों में होती थी, जो दूसरों की शिकायत करने वाले होते हें.
और मैं भी ऐसा कुछ नहीं करता था जिससे दूसरों को अपना बदला लेने का मौका मिला.
यू कैन सेय आई वाज इन लिस्ट ऑफ़ गुड बॉयज. लेकिन जब मैं पाटनी से मिला तो लगा की
टू बी हेल विथ फकिंग गुड बॉयज. क्यूंकि अगर आप कुछ नहीं भी करोगे फिर भी ये बच्चे आपको परेशान करने वालों में से थे.
इसीलिए मैंने सोचा- लेट्स बी लाइक देम. चिल्ल करने वाले.
हाँ तो मैं कापड़ी पे था, स्कूल में 11th तक हमारी ज्यादा बात भी नहीं हुई थी, फिर जब हम केमिस्ट्री
की कोचिंग साथ जाने लगा, तब लगा ही वाज ओके. आई स्टार्टेड एडजस्टइंग. समझने लगा उसको.
फिर उसकी एक एक्स के कारण,विच आई स्टार्टेड सीइंग तो,
हमारे पास बातें ज्यादा होने लगी आपस में करने को.एंड जब हम पास आउट हुए +2 के बाद , तब
एक रात ऑनलाइन मिला ये बंदा. उस वक़्त बहुत ही ज्यादा रफ़ फेज चल रहा था इसकी लाइफ में.
कतई एक दीवानों के जैसी या कह लो देवदास जैसी हालत हो रखी थी साले की. मैंने बात करी, फिर उसने
बताया अपनी दुःख भरी कहानी , और मैं पूरी रात चैट पे यही समझा रहा था की "मूव ऑन" !!
बस,ट्रेन और लड़की वाला फंडा इससे समझाता रहा.
आप समझ सकते हो एक लड़के की हालत कैसी होगी जब वो कहे की -आई हैव नॉट सीन पोर्न फॉर ऐजस.
:D
आई ऍम सॉरी इफ यू आर ओफेंडेड. #प्लीज_ग्रो_अप .
(वेरी लास्ट लाइन फॉर दोज हु यूज़ टू गेट ओफेंड #19वी_सदी_के_लोग  :/  )
बैंड बज चूकी थी उसकी,अच्छा लगा मुझे जब उसने मेरी मानी
एंड अगेन ही स्टार्टेड लिविंग लाइफ इन किलर स्टाइल. थैंक्स तो #vodafone3G :p
ऐसा ही रहना.
मुझे जब कभी पालिवाल सर की वो बात याद आती है तो  मेरी हंसी छूट पड़ती है
"यस! रिश्ता क्या है तुम्हारा उससे " :D :D :D ;) (अगर आपको भी याद हो वो किस्सा )
 #स्टे_हैप्पी #kappa
मैंने उसकी क्यू हेल्प करी, कभी कभी सोचता हूँ. तो जवाब मिलता हें मुझे खुद से.
क्यूंकि ही वाज वन ऑफ़ देम, जिन्होंने मेरी मदद की थी अनजाने में ही सही.
कज व्हेन आई ब्रोकअप, यही तो थे वो साले जो मुझे हंसाया करते थे.
हँसाने से आया याद @प्रवीण का, माना की तेरे पास लैपटॉप है... :p
हम हमेशा लड़ा करते थे एक दुसरे के वजन के कारण. :D
वो 43kg था और मैं 45kg. हँसना मत..!! और अब भी ज्यादा ही हूँ प्रवीण तुझसे. B|
बहुत कूल था तू, लड़की का कोई चक्कर नहीं, मेरी तरह बस हँसने के बहाने ढूंढने वाला.
मुझ पे ही जोक्स बना के मुझे ही बहुत हंसाया तूने, ह्म्म्मम्म इसका सेंस ऑफ़ ह्यूमर काफी अच्छा है.
पता नहीं कहाँ कहाँ से जोक्स दूंढ़ लता था. हाज़िर जबाब में तो उस्ताद थे ये. आई ऑलवेज लाइकड
स्पेंडिंग टाइम विथ यू. मूविंग अहेड एक और रोंदू था क्लास में, रोंदू से मेरा मतलब ये के जो क्लास में
कभी भी आपको इनका सर हमेशा झुका हुआ ही मिलता. ग़मगीन!!! और @रवि कैसा है भाई.? lol..
इस कुत्ते को पता नहीं मेरे और मेरी एक्स के गॉसिप कहाँ से पता चल गयी.
हमेशा कहा करता था- कमीने! बहुत मजे करे तूने.
इलेक्ट्रान कहीं का..!! तू भी अच्छा दोस्त बन गया था..
इलेक्ट्रान से याद आया हमारे केमिस्ट्री वाले टीचर आमिर सर.
सर आपको बहुत ज्यादा परेशान किया, अजीब अजीब आवाज़े निकाल के, अगर आपको याद हो. :)
आप जब हमारे फेयरवेल में रोने लगे थे, तबसे हमें अपनी गलती का एहसास होने लगा था.
हमने कुछ ज्यादा ही परेशान कर दिया था है न..??
एनीवे अब हमें महसूस होता हें आप एक अच्छे टीचर के साथ इंसान भी बहुत अच्छे हैं.
एंड आई मीन इट.
अच्छाई से याद आये हमारे @पाण्डेय जी का. 96 नंबर कहीं का. :/ :D
बहुत सारी अच्छी यादें है तेरे साथ..
हमारी बातें चल रही थी जब मैंने इससे पुछा -तेरा ये सीक्रेट कितनो को पता है ?
उसने कहा- तेरे अलावा किसी को नहीं.
यू क्नो इट फील्स स्पेशल. पाण्डेय के साथ बात करना अच्छा लगता है मुझे.
और हाँ बहुत परेशान किया तुम लोगों ने मेरी एक्स को कार्की सर की कोचिंग में. हरामखोरों..!
मुझे हमेशा अफ़सोस रहा था की एक लड़की के कारण मेरी बहुतों दोस्तों से लड़ाई और मनमुटाव हो गया.
उनमे @पंकज_कन्याल भी था. अभी रीसेंटली इसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट आई और मैंने एक्सेप्ट की.
अच्छा लगा मुझे देट यू इनिसियेटेड.
क्लास की सबसे ज्यादा बात जो मुझे अब हंसाती है,वो, जब संजय सोन का वो मुछों के बिना वाला चेहरा हिंदी
वाली मैडम ने उसके मफ़लर से बाहार निकाला था. उस वक़्त तो मैम की भी हंसी छूट पड़ी थी.
थैंक्स संजय. लिट्रल्ली संजय मैं अब भी इसे टाइप करते हुए हँस रहा हूँ.
कभी कभी मैं सोचता हूँ की अगर मैं खुद को बदलता नहीं
तो मेरे पास इतने हसीं पल नहीं होते, इत्ते अच्छे दोस्त नहीं होते.
पढाई जरुरी है, लेकिन गीक बनाना भी ठीक नहीं. ज़िन्दगी जियो खुले दिल से.
हँसने के बहाने दूंढ़ों.
इन लास्ट..  आई ऍम वेरी सॉरी इफ आई हर्टेड योर फीलिंग, गुड लक फॉर योर फ्यूचर! बाय! टेक केयर! विल ऑलवेज लव यू आल..
 #अस्तला_विस्ता
:- #MJ_की_कीपैड_से

Thursday, 12 November 2015

रस्ते का प्यार

#लप्रेक
#रस्ते_का_प्यार
दिल्ली के सरोजनी नगर के उस व्यस्तम गली से लड़का रिंग रोड की तरफ निकल रहा था ,
जब उसकी नज़र उस पे पड़ी.
सड़क के लेफ्ट साइड में एक वाइट कलर की स्कूटी लड़खड़ाई और धड़ाम से किनारे
झाड़ियों में जा गिरी. आम दिनों उस सड़क में काफी चहल पहल हुआ करती थी,
पर उस दोपहर ऐसा कुछ नहीं था . लड़के नेअपनी बाइक किनारे लगायी और उसके पास जा पंहुचा .
अरे.. आप.. ठीक तो है न..??
ज्यादा कहीं लगी तो नहीं ..??
लड़के ने अपना हाथ नीचे, गोल सा चेहरा,
बड़ी-बड़ी आँखों में हलके काजल लगाये हुए,
होठों पे सुर्ख लाल रंग के हलके शेड की लिपस्टिक, और अपने
उलझे बालों को सुलझाती हुए लड़की की ओर बढ़ाया..
लड़की उसके टैटू में लिपटे शरीर को निहार रही थी.
ब्लैक डेनिम, ब्लैक बूट्स और जिम वेस्ट पहने वो लड़का,
शक्ल-शूरत में काफी डिसेंट लग रहा था , हाइट भी 5-11 रही होगी ..
हल्की दाढ़ी-मूछें रखे लड़के को देख वो कुछ बड़बड़ाई..
"स्मोकी हॉट..
सॉरी.. यू सेड समथिंग..?? (लड़का बोला)
इसपे लड़की ने अपनी मुंडी ऐसी हिलाई, जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो..
हाथ दूं या नहीं ..?
(बस इसी सोच में पड़ी थी कि तभी आवाज़ आई... )
एक्सक्यूज मी...!!  (हाथों को उसके चेहरे के सामने लहराते हुए..)
यू आलराईट..???
गुच्ची का रेड टॉप , वाइट जीन्स और नाइके के रेड स्नीकर्स में काफी खुबसूरत दिख रही थी.
उसने उसके बढे हाथों को ठुकराते हुए , खुद को सँभाला,
अपने जीन्स को हाथों से झाड़ कर, खड़ी हो गई .
स्कूटी उठाते हुए बोली " आई ऍम फाइन , थैंक यू"
"ओह! एटीट्युड " (लड़के ने सोचा)
वो स्कूटी उठा ही रही थी की उसके हाथ से स्कूटी दोबारा छूटी,
और स्कूटी के साथ वो भी गिरने वाली थी की उसे लगा की उसको
किसी ने संभाल लिया .
अरे आप ठीक तो है न..??
कहीं लगी तो नहीं..??
उसने जब पीछे मुड़ के देखा तो लड़का अपनी बायीं भोहें चढ़ा के ऐसे देख रहा था ,
जैसे कह रहा हो वो "देखा..!! आई वाज ऑफरिंग यू हेल्प.."
ये लड़कियां भी न..!!,
समझ लेती है लड़कों के बॉडी लैंग्वेज को , पढ़ लेती है आँखों को,
जान लेती है दिल की बातें .. लेकिन पहल नहीं करना चाहती ..
तो फिर..?? (वो बोली)
यू शुड हैव एक्सेप्टेड इट.!!
एनीवे ...
हाय..!! आई ऍम आरव.. (हाथ बढ़ाते हुए ..)
इशानी  (उधर से आवाज़ आई और फिर ख़ामोशी )
इशानी... (नाम दोहराते हुए लड़का धीरे से बोला..)
लड़के मासूम होते हें,लड़के बेवकूफ होते हैं, लड़के जिद्दी होते हैं, .
लेकिन रही बात पहल की तो मोस्टली हमें यानी लड़कों को ही करना पड़ता है .
खैर जो भी हो .. लड़के ने उसकी स्कूटी उठाई और  उसकी आँखों में देखते हुए
ही पास्ड ए डिसेंट स्माइल..
फिर लड़की ने अपनी स्कूटी स्टार्ट की, और  बिना पीछे देखे आगे चल पड़ी.
लड़का वहीं खड़ा रहा, किसी स्टेचू की तरह..
और लड़की आगे बढती हुई,
अपने रियर व्यू मिरर में लड़के को देख रही थी.
और अचानक उसने अपनी स्कूटी रोक दी..
और उसी जगह पे करने लगी इंतज़ार....
शायद आगे बढ़ते हुए, उस पीछे खड़े लड़के की आँखों को पढ़ लिया था अब उसने..
लड़के ने बाइक स्टार्ट की, एस्सलेरटर पे हाथ रखा .. और चल पड़ा ..
उसको आते देख लड़की भी चल पड़ी..
स्कूटी भी ज्यादा दूर नहीं निकली थी .
लड़के ने उसके स्कूटी के साथ बाइक की स्पीड मिलायी.
तीरछी नज़रों से उसने लड़की को मुस्कुराते हुए देखा..
फिर स्कूटी बाइक से थोड़ी आगे गयी,
लेकिन इस बार लड़की पीछे मुड़ के मुस्कुरा रही थी..
फिर क्या था...
लड़का भी पहुँच गया और फिर वो दोनों साथ चलने लगे सफ़र पर...
और एक नयी कहानी बन पड़ी ..
:- #MJ_की_कीपैड_से

बिहार इलेक्शन - काश ऐसा हो जाये


#काश_ऐसा_हो_जाए
ह्म्म्मम्म.... अब जब एन.डी.ए चुनाव हार चुकी है..
काश.. लालू जी की मति मारी जाए..
काश.. वो अपने बच्चों में से किसी एक को, मुख्मंत्री का दावेदार पेश कर दे..
काश.. इससे उनमे और शुशासन बाबू में मतभेद हो जाये..
काश.. इस पर लालू जी, अपने शुशासन बाबू से समर्थन छीन ले..
काश.. लालू जी , कांग्रेस को भी कुछ भला- बुरा कह कर दुत्कार दे..
काश.. कांग्रेस और लालू में भी मनमुटाव हो जाए..
काश.. लालू जी का असली चेहरा सबके सामने आ जाए..
काश.. इतने ड्रामे के बाद, फिर से चुनाव हो जाए..
काश.. इस बार बी.जे.पी. अपने बड़बोले नेताओं के जुबान पर लगाम लगाये..
काश.. फिर इस बार मोदी जी की लहर चल जाए..
काश.. बिहार में भी,घर घर मोदी- हर घर मोदी छा जाए..
#आशावादी_भारतीय
:D
#MJ_की_कीपैड_से