#थैंक्स_गिविंग_स्पीच
#शिक्षा_भारती
#इट्स_नेवर_टू_लेट
(यू कैन रीड इफ यू आर रियली रियली इंटरेस्टेड , कॉज इट कणटैंस 3666 वर्ड्स.)
10th का रिजल्ट आ चुका था. गोट डिसेंट मार्क्स. बट कुड हैव बीन बेटर.
एनीवे आई वाज इन विलेज. हेड ए कॉल फ्रॉम पा. पुछा क्या करना है.?
कहाँ एडमिशन कराओगे..? मैं चुप रहा.
पुराने दोस्त, पुराने स्कूल, पुरानी दुनिया को छोड़ने का गम और नयी दुनिया का डर.
कैसे होगे बच्चे वहां का. क्या कोई मिलेगा जिसके मेरे साथ बनेगी एंड आल..
स्कूल में एडमिशन से पहले यहाँ के बच्चे के लिए काफी नेगेटिव थॉट थी मेरे मन में.
वो कहते है न जब गाज गिरनी होती है तो गिर ही जाती है.
(वैसे सीरियसली मुझे अभी तक नहीं पता चला ये "गाज" के बारे में, क्या होता है यो.. :D )
आई रिचड खटीमा. पा ने कहा, कब से जाओगे स्कूल? क्लासेज हेज बीन स्टार्टेड आलरेडी इन शिक्षा भारती.
मैं चुप हो गया. चेहरे की मुस्कान गायब हो गयी थी.
आपने करवा दिया एडमिशन पा..??
ह्म्म्मम्म...
अब कुछ नहीं हो सकता.?
आई हैव आलरेडी पेड देम बेटा..!!
मैंने अपना मुंह लटका लिया.
अब कोई और चारा नही था.
मैं सुबह सुबह तैयार हुआ, थोडा नर्वस था, पहले दिन के कारण.
जब प्रेयर बेल बजी, आई वाज लिटिल लेट. आई सॉ ऐश्वर्य, और मुझे पता चल गया की मेरी लाइन कौन सी
है. हम पहले भी मिल चुके थे कोचिंग क्लासेज में.
मुझे देखते ही उसने कहा
तू भी आ गया यहाँ..??
मैं क्या कहता.पहला दिन था. मैं बस चुप चाप हामी भर दी.
वैसे बहुत मजे लिए तेरे से हमने, तुझे पता भी नहीं चला. पूछना मत कैसे..??
आफ्टर प्रेयर देन वे रीचड आवर क्लासरूम.
@विवेक, ही वाज द, फर्स्ट जिससे मेरी बात हुई. उसने मुझे अपने पास बैठने की सीट दी.
थैंक्स फॉर देट @विवेक. हम दोनों का फिजिकल अपीयरेंस लगभग एक जैसा था. :D
हमारे क्लास टीचर पालिवाल सर क्लास में आये.
उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया.
यस! व्हाट इज योर नेम..?
मंजेश!
मंजेश... बड़ा नया नाम है तुम्हारा.
मैं मुस्कुराया.
कौन से स्कूल से आये हो?
राणा प्रताप.
अच्छा..! 10th में कितने % थे ..?
76.6
भेरी गुड!
अच्छा हाउ विल यू डिफाइन परसेंटेज..?
मैंने इस पर पूरी क्लास में एक नज़र घुमाई.
बच्चे हँस रहे थे.
यस! टेल मी..!!
A proportion in relation
to a whole(which is usually the amount per hundred).
वो मुझे देखते रहे.
भेरी गुड!
यू मेय गो नाउ!
थैंक यू सर!
और हाँ तुम्हारा रोल नंबर 34 है.
सीट पे बैठने पे मैंने सर को देखा. वो मुझे ही धीरे धीरे सर हिलाते हुए देख रहे थे.
जैसे कह रहे हो.. -" कमाल कर दिया यार तुमने तो..."
उनके बाद मैथ्स का नंबर आया.
मेरी दीदी ने मुझे बताया था कल्याण सर के बारे में.बहुत टैलेंटेड है वो!
उनके सामने अच्छा इम्प्रैशन बनाये रखना.
वो पढ़ा रहे थे , और मैं शायद @पंकज पाटनी के कोई जोक्स पे हँसने लगा.
उन्होंने देखा ऐसे जैसे कह रहे हो - क्या डिअर!!
उन्होंने मुझे खड़ा किया.
तुम्हारा पहला डे है आज? और आज ही से तुम शुरू हो गए. ऐसे थोड़े न होता है..
मैंने नीचे सर झुका के पाटनी को देख सोच रहा था - हो गयी इम्प्रैशन की माँ-बहन!!
वैसे मैंने कभी कल्याण सर की बातों का कभी बुरा नहीं माना.
उनकी क्लास में अलग ही मजा आता था. ही वाज फेब एट हिज जॉब.
पाटनी से याद आता है , चेहरा वो हमेशा दूसरों की टांग-खिचाई में मशगूल रहता था.
ये अभी कुछ दिनों पहले इसे मैंने youtube से डायरेक्ट विडियो डाउनलोड करना सिखाया.
तब से मेरी बातों पे इंटरेस्ट लेने लगा है, सपेसिअल्ली टेक्नोलॉजी रिलेटेड. मानता है..??
और क्लास के तीसरे दिन फिर वो आया..
आकर्ष!!!
मेरा अपकमिंग या टू बी बेस्ट फ्रेंड.
उससे भी पालिवाल सर ने कुछ सवाल पूछे.
और वो वापस आ रहा था. सीट पे बैठने लिए .
सीटें कुछ ही खाली बची थी.
उसने मुझे देखा.
फिर मैंने विवेक से कहा
"सीधा लग रहा है बिठा लेते हें "
और वो बैठा.
मुझे नहीं पता अक्की तेरे दिमाग में क्या चल रहा था उस वक़्त जब तू आ रहा था हमारी ओर .. बताना जरुर.. !!
विवेक तो सेक्शन B में चला गया. और हम दोनों वहीँ रह गए.
धीरे धीरे हमारी बातें होती गयी ,एंड सून ही बिकेम माय कांफिडांट.पता चला ही वाज मेरिट होल्डर.
बड़ा नवाब टाइप का नेचर था इनका. पैदल चलना इनको बिल्कुल पसंद नहीं था. :D
मेरिट होल्डर से याद आया #दोस्त #बबलू
(इफ यू क्नो व्हाट आई मीन ;) )
100 बट्टे 100 नंबर है इसके मैथ्स में. कल्याण सर तो बाकायदा इसका रिजल्ट साथ ले कर घुमा करते थे.
काफी तेज़ लड़का है. फिजिक्स की अपनी पहली ही क्लास में इसने पालिवाल को आश्चर्यचकित कर दिया था.
(मानते हो मेरी हिंदी को...??)
सर ने अपना सवाल ख़तम ही किया था, और इसका जवाब आ गया था. सारे बच्चे की नजर बबलू पर.
बबलू के नाम से याद आया प्रियंका नेगी. काफी हंसी करती थी वो जब मैं बबलू को बब्लूज (babloos)
कह कर पुकारा करता था. काफी बचपन बचा था उसमे उस वक़्त. मुझे अब का पता नहीं.
वक़्त से याद आया @योगी का. वक़्त का सही उपयोग और घंटी का पूर्ण इस्तेमाल कोई इनसे सीखे.
हाँ जी बिल्कुल, जब भी इन महाशय को भी वक़्त मिलता ये दो तीन झपकी मार लेते. :D :p
झपकियों याद आया @मनोज भंडारी का,नैनीताल में हम सब उधम काट रहे होते और ये सोया रहता.
काफी मदद करी तूने इंटरनल एग्जाम्स में. पता नहीं कैसे सारे आंसर स्टेप बाय स्टेप रट लेता था.
मेहनत और मेरा दूर दूर से कोई वास्ता नहीं. काफी अच्छे इंसान थे तुम दोनों @योगी और #भंडारी.
एग्जाम्स से याद आया कपिल कापड़ी का. ये मेरे आगे बैठा करता था.
जब पहली बार मुझे अपनी आंसर शीट न दिखाने के लिए गालियाँ सुना रहा था, तब पालिवाल सर ने
इसको नोटिस कर लिया और इसकी डिटेल्स लेने लगे. मुझे बिल्कुल पसंद नहीं था ये बंदा.
इसका इम्प्रैशन मेरे दिमाग में #बेड_बॉय की बनी थी.
एक्चुअली बात ऐसी थी की , जब मैं पुराने स्कूल में था, तब मेरी गिनती उन बच्चों में होती थी, जो दूसरों की शिकायत करने वाले होते हें.
और मैं भी ऐसा कुछ नहीं करता था जिससे दूसरों को अपना बदला लेने का मौका मिला.
यू कैन सेय आई वाज इन लिस्ट ऑफ़ गुड बॉयज. लेकिन जब मैं पाटनी से मिला तो लगा की
टू बी हेल विथ फकिंग गुड बॉयज. क्यूंकि अगर आप कुछ नहीं भी करोगे फिर भी ये बच्चे आपको परेशान करने वालों में से थे.
इसीलिए मैंने सोचा- लेट्स बी लाइक देम. चिल्ल करने वाले.
हाँ तो मैं कापड़ी पे था, स्कूल में 11th तक हमारी ज्यादा बात भी नहीं हुई थी, फिर जब हम केमिस्ट्री
की कोचिंग साथ जाने लगा, तब लगा ही वाज ओके. आई स्टार्टेड एडजस्टइंग. समझने लगा उसको.
फिर उसकी एक एक्स के कारण,विच आई स्टार्टेड सीइंग तो,
हमारे पास बातें ज्यादा होने लगी आपस में करने को.एंड जब हम पास आउट हुए +2 के बाद , तब
एक रात ऑनलाइन मिला ये बंदा. उस वक़्त बहुत ही ज्यादा रफ़ फेज चल रहा था इसकी लाइफ में.
कतई एक दीवानों के जैसी या कह लो देवदास जैसी हालत हो रखी थी साले की. मैंने बात करी, फिर उसने
बताया अपनी दुःख भरी कहानी , और मैं पूरी रात चैट पे यही समझा रहा था की "मूव ऑन" !!
बस,ट्रेन और लड़की वाला फंडा इससे समझाता रहा.
आप समझ सकते हो एक लड़के की हालत कैसी होगी जब वो कहे की -आई हैव नॉट सीन पोर्न फॉर ऐजस.
:D
आई ऍम सॉरी इफ यू आर ओफेंडेड. #प्लीज_ग्रो_अप .
(वेरी लास्ट लाइन फॉर दोज हु यूज़ टू गेट ओफेंड #19वी_सदी_के_लोग :/ )
बैंड बज चूकी थी उसकी,अच्छा लगा मुझे जब उसने मेरी मानी
एंड अगेन ही स्टार्टेड लिविंग लाइफ इन किलर स्टाइल. थैंक्स तो #vodafone3G :p
ऐसा ही रहना.
मुझे जब कभी पालिवाल सर की वो बात याद आती है तो मेरी हंसी छूट पड़ती है
"यस! रिश्ता क्या है तुम्हारा उससे " :D :D :D ;) (अगर आपको भी याद हो वो किस्सा )
#स्टे_हैप्पी #kappa
मैंने उसकी क्यू हेल्प करी, कभी कभी सोचता हूँ. तो जवाब मिलता हें मुझे खुद से.
क्यूंकि ही वाज वन ऑफ़ देम, जिन्होंने मेरी मदद की थी अनजाने में ही सही.
कज व्हेन आई ब्रोकअप, यही तो थे वो साले जो मुझे हंसाया करते थे.
हँसाने से आया याद @प्रवीण का, माना की तेरे पास लैपटॉप है... :p
हम हमेशा लड़ा करते थे एक दुसरे के वजन के कारण. :D
वो 43kg था और मैं 45kg. हँसना मत..!! और अब भी ज्यादा ही हूँ प्रवीण तुझसे. B|
बहुत कूल था तू, लड़की का कोई चक्कर नहीं, मेरी तरह बस हँसने के बहाने ढूंढने वाला.
मुझ पे ही जोक्स बना के मुझे ही बहुत हंसाया तूने, ह्म्म्मम्म इसका सेंस ऑफ़ ह्यूमर काफी अच्छा है.
पता नहीं कहाँ कहाँ से जोक्स दूंढ़ लता था. हाज़िर जबाब में तो उस्ताद थे ये. आई ऑलवेज लाइकड
स्पेंडिंग टाइम विथ यू. मूविंग अहेड एक और रोंदू था क्लास में, रोंदू से मेरा मतलब ये के जो क्लास में
कभी भी आपको इनका सर हमेशा झुका हुआ ही मिलता. ग़मगीन!!! और @रवि कैसा है भाई.? lol..
इस कुत्ते को पता नहीं मेरे और मेरी एक्स के गॉसिप कहाँ से पता चल गयी.
हमेशा कहा करता था- कमीने! बहुत मजे करे तूने.
इलेक्ट्रान कहीं का..!! तू भी अच्छा दोस्त बन गया था..
इलेक्ट्रान से याद आया हमारे केमिस्ट्री वाले टीचर आमिर सर.
सर आपको बहुत ज्यादा परेशान किया, अजीब अजीब आवाज़े निकाल के, अगर आपको याद हो. :)
आप जब हमारे फेयरवेल में रोने लगे थे, तबसे हमें अपनी गलती का एहसास होने लगा था.
हमने कुछ ज्यादा ही परेशान कर दिया था है न..??
एनीवे अब हमें महसूस होता हें आप एक अच्छे टीचर के साथ इंसान भी बहुत अच्छे हैं.
एंड आई मीन इट.
अच्छाई से याद आये हमारे @पाण्डेय जी का. 96 नंबर कहीं का. :/ :D
बहुत सारी अच्छी यादें है तेरे साथ..
हमारी बातें चल रही थी जब मैंने इससे पुछा -तेरा ये सीक्रेट कितनो को पता है ?
उसने कहा- तेरे अलावा किसी को नहीं.
यू क्नो इट फील्स स्पेशल. पाण्डेय के साथ बात करना अच्छा लगता है मुझे.
और हाँ बहुत परेशान किया तुम लोगों ने मेरी एक्स को कार्की सर की कोचिंग में. हरामखोरों..!
मुझे हमेशा अफ़सोस रहा था की एक लड़की के कारण मेरी बहुतों दोस्तों से लड़ाई और मनमुटाव हो गया.
उनमे @पंकज_कन्याल भी था. अभी रीसेंटली इसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट आई और मैंने एक्सेप्ट की.
अच्छा लगा मुझे देट यू इनिसियेटेड.
क्लास की सबसे ज्यादा बात जो मुझे अब हंसाती है,वो, जब संजय सोन का वो मुछों के बिना वाला चेहरा हिंदी
वाली मैडम ने उसके मफ़लर से बाहार निकाला था. उस वक़्त तो मैम की भी हंसी छूट पड़ी थी.
थैंक्स संजय. लिट्रल्ली संजय मैं अब भी इसे टाइप करते हुए हँस रहा हूँ.
कभी कभी मैं सोचता हूँ की अगर मैं खुद को बदलता नहीं
तो मेरे पास इतने हसीं पल नहीं होते, इत्ते अच्छे दोस्त नहीं होते.
पढाई जरुरी है, लेकिन गीक बनाना भी ठीक नहीं. ज़िन्दगी जियो खुले दिल से.
हँसने के बहाने दूंढ़ों.
इन लास्ट.. आई ऍम वेरी सॉरी इफ आई हर्टेड योर फीलिंग, गुड लक फॉर योर फ्यूचर! बाय! टेक केयर! विल ऑलवेज लव यू आल..
#अस्तला_विस्ता
:- #MJ_की_कीपैड_से
#शिक्षा_भारती
#इट्स_नेवर_टू_लेट
(यू कैन रीड इफ यू आर रियली रियली इंटरेस्टेड , कॉज इट कणटैंस 3666 वर्ड्स.)
10th का रिजल्ट आ चुका था. गोट डिसेंट मार्क्स. बट कुड हैव बीन बेटर.
एनीवे आई वाज इन विलेज. हेड ए कॉल फ्रॉम पा. पुछा क्या करना है.?
कहाँ एडमिशन कराओगे..? मैं चुप रहा.
पुराने दोस्त, पुराने स्कूल, पुरानी दुनिया को छोड़ने का गम और नयी दुनिया का डर.
कैसे होगे बच्चे वहां का. क्या कोई मिलेगा जिसके मेरे साथ बनेगी एंड आल..
स्कूल में एडमिशन से पहले यहाँ के बच्चे के लिए काफी नेगेटिव थॉट थी मेरे मन में.
वो कहते है न जब गाज गिरनी होती है तो गिर ही जाती है.
(वैसे सीरियसली मुझे अभी तक नहीं पता चला ये "गाज" के बारे में, क्या होता है यो.. :D )
आई रिचड खटीमा. पा ने कहा, कब से जाओगे स्कूल? क्लासेज हेज बीन स्टार्टेड आलरेडी इन शिक्षा भारती.
मैं चुप हो गया. चेहरे की मुस्कान गायब हो गयी थी.
आपने करवा दिया एडमिशन पा..??
ह्म्म्मम्म...
अब कुछ नहीं हो सकता.?
आई हैव आलरेडी पेड देम बेटा..!!
मैंने अपना मुंह लटका लिया.
अब कोई और चारा नही था.
मैं सुबह सुबह तैयार हुआ, थोडा नर्वस था, पहले दिन के कारण.
जब प्रेयर बेल बजी, आई वाज लिटिल लेट. आई सॉ ऐश्वर्य, और मुझे पता चल गया की मेरी लाइन कौन सी
है. हम पहले भी मिल चुके थे कोचिंग क्लासेज में.
मुझे देखते ही उसने कहा
तू भी आ गया यहाँ..??
मैं क्या कहता.पहला दिन था. मैं बस चुप चाप हामी भर दी.
वैसे बहुत मजे लिए तेरे से हमने, तुझे पता भी नहीं चला. पूछना मत कैसे..??
आफ्टर प्रेयर देन वे रीचड आवर क्लासरूम.
@विवेक, ही वाज द, फर्स्ट जिससे मेरी बात हुई. उसने मुझे अपने पास बैठने की सीट दी.
थैंक्स फॉर देट @विवेक. हम दोनों का फिजिकल अपीयरेंस लगभग एक जैसा था. :D
हमारे क्लास टीचर पालिवाल सर क्लास में आये.
उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया.
यस! व्हाट इज योर नेम..?
मंजेश!
मंजेश... बड़ा नया नाम है तुम्हारा.
मैं मुस्कुराया.
कौन से स्कूल से आये हो?
राणा प्रताप.
अच्छा..! 10th में कितने % थे ..?
76.6
भेरी गुड!
अच्छा हाउ विल यू डिफाइन परसेंटेज..?
मैंने इस पर पूरी क्लास में एक नज़र घुमाई.
बच्चे हँस रहे थे.
यस! टेल मी..!!
A proportion in relation
to a whole(which is usually the amount per hundred).
वो मुझे देखते रहे.
भेरी गुड!
यू मेय गो नाउ!
थैंक यू सर!
और हाँ तुम्हारा रोल नंबर 34 है.
सीट पे बैठने पे मैंने सर को देखा. वो मुझे ही धीरे धीरे सर हिलाते हुए देख रहे थे.
जैसे कह रहे हो.. -" कमाल कर दिया यार तुमने तो..."
उनके बाद मैथ्स का नंबर आया.
मेरी दीदी ने मुझे बताया था कल्याण सर के बारे में.बहुत टैलेंटेड है वो!
उनके सामने अच्छा इम्प्रैशन बनाये रखना.
वो पढ़ा रहे थे , और मैं शायद @पंकज पाटनी के कोई जोक्स पे हँसने लगा.
उन्होंने देखा ऐसे जैसे कह रहे हो - क्या डिअर!!
उन्होंने मुझे खड़ा किया.
तुम्हारा पहला डे है आज? और आज ही से तुम शुरू हो गए. ऐसे थोड़े न होता है..
मैंने नीचे सर झुका के पाटनी को देख सोच रहा था - हो गयी इम्प्रैशन की माँ-बहन!!
वैसे मैंने कभी कल्याण सर की बातों का कभी बुरा नहीं माना.
उनकी क्लास में अलग ही मजा आता था. ही वाज फेब एट हिज जॉब.
पाटनी से याद आता है , चेहरा वो हमेशा दूसरों की टांग-खिचाई में मशगूल रहता था.
ये अभी कुछ दिनों पहले इसे मैंने youtube से डायरेक्ट विडियो डाउनलोड करना सिखाया.
तब से मेरी बातों पे इंटरेस्ट लेने लगा है, सपेसिअल्ली टेक्नोलॉजी रिलेटेड. मानता है..??
और क्लास के तीसरे दिन फिर वो आया..
आकर्ष!!!
मेरा अपकमिंग या टू बी बेस्ट फ्रेंड.
उससे भी पालिवाल सर ने कुछ सवाल पूछे.
और वो वापस आ रहा था. सीट पे बैठने लिए .
सीटें कुछ ही खाली बची थी.
उसने मुझे देखा.
फिर मैंने विवेक से कहा
"सीधा लग रहा है बिठा लेते हें "
और वो बैठा.
मुझे नहीं पता अक्की तेरे दिमाग में क्या चल रहा था उस वक़्त जब तू आ रहा था हमारी ओर .. बताना जरुर.. !!
विवेक तो सेक्शन B में चला गया. और हम दोनों वहीँ रह गए.
धीरे धीरे हमारी बातें होती गयी ,एंड सून ही बिकेम माय कांफिडांट.पता चला ही वाज मेरिट होल्डर.
बड़ा नवाब टाइप का नेचर था इनका. पैदल चलना इनको बिल्कुल पसंद नहीं था. :D
मेरिट होल्डर से याद आया #दोस्त #बबलू
(इफ यू क्नो व्हाट आई मीन ;) )
100 बट्टे 100 नंबर है इसके मैथ्स में. कल्याण सर तो बाकायदा इसका रिजल्ट साथ ले कर घुमा करते थे.
काफी तेज़ लड़का है. फिजिक्स की अपनी पहली ही क्लास में इसने पालिवाल को आश्चर्यचकित कर दिया था.
(मानते हो मेरी हिंदी को...??)
सर ने अपना सवाल ख़तम ही किया था, और इसका जवाब आ गया था. सारे बच्चे की नजर बबलू पर.
बबलू के नाम से याद आया प्रियंका नेगी. काफी हंसी करती थी वो जब मैं बबलू को बब्लूज (babloos)
कह कर पुकारा करता था. काफी बचपन बचा था उसमे उस वक़्त. मुझे अब का पता नहीं.
वक़्त से याद आया @योगी का. वक़्त का सही उपयोग और घंटी का पूर्ण इस्तेमाल कोई इनसे सीखे.
हाँ जी बिल्कुल, जब भी इन महाशय को भी वक़्त मिलता ये दो तीन झपकी मार लेते. :D :p
झपकियों याद आया @मनोज भंडारी का,नैनीताल में हम सब उधम काट रहे होते और ये सोया रहता.
काफी मदद करी तूने इंटरनल एग्जाम्स में. पता नहीं कैसे सारे आंसर स्टेप बाय स्टेप रट लेता था.
मेहनत और मेरा दूर दूर से कोई वास्ता नहीं. काफी अच्छे इंसान थे तुम दोनों @योगी और #भंडारी.
एग्जाम्स से याद आया कपिल कापड़ी का. ये मेरे आगे बैठा करता था.
जब पहली बार मुझे अपनी आंसर शीट न दिखाने के लिए गालियाँ सुना रहा था, तब पालिवाल सर ने
इसको नोटिस कर लिया और इसकी डिटेल्स लेने लगे. मुझे बिल्कुल पसंद नहीं था ये बंदा.
इसका इम्प्रैशन मेरे दिमाग में #बेड_बॉय की बनी थी.
एक्चुअली बात ऐसी थी की , जब मैं पुराने स्कूल में था, तब मेरी गिनती उन बच्चों में होती थी, जो दूसरों की शिकायत करने वाले होते हें.
और मैं भी ऐसा कुछ नहीं करता था जिससे दूसरों को अपना बदला लेने का मौका मिला.
यू कैन सेय आई वाज इन लिस्ट ऑफ़ गुड बॉयज. लेकिन जब मैं पाटनी से मिला तो लगा की
टू बी हेल विथ फकिंग गुड बॉयज. क्यूंकि अगर आप कुछ नहीं भी करोगे फिर भी ये बच्चे आपको परेशान करने वालों में से थे.
इसीलिए मैंने सोचा- लेट्स बी लाइक देम. चिल्ल करने वाले.
हाँ तो मैं कापड़ी पे था, स्कूल में 11th तक हमारी ज्यादा बात भी नहीं हुई थी, फिर जब हम केमिस्ट्री
की कोचिंग साथ जाने लगा, तब लगा ही वाज ओके. आई स्टार्टेड एडजस्टइंग. समझने लगा उसको.
फिर उसकी एक एक्स के कारण,विच आई स्टार्टेड सीइंग तो,
हमारे पास बातें ज्यादा होने लगी आपस में करने को.एंड जब हम पास आउट हुए +2 के बाद , तब
एक रात ऑनलाइन मिला ये बंदा. उस वक़्त बहुत ही ज्यादा रफ़ फेज चल रहा था इसकी लाइफ में.
कतई एक दीवानों के जैसी या कह लो देवदास जैसी हालत हो रखी थी साले की. मैंने बात करी, फिर उसने
बताया अपनी दुःख भरी कहानी , और मैं पूरी रात चैट पे यही समझा रहा था की "मूव ऑन" !!
बस,ट्रेन और लड़की वाला फंडा इससे समझाता रहा.
आप समझ सकते हो एक लड़के की हालत कैसी होगी जब वो कहे की -आई हैव नॉट सीन पोर्न फॉर ऐजस.
:D
आई ऍम सॉरी इफ यू आर ओफेंडेड. #प्लीज_ग्रो_अप .
(वेरी लास्ट लाइन फॉर दोज हु यूज़ टू गेट ओफेंड #19वी_सदी_के_लोग :/ )
बैंड बज चूकी थी उसकी,अच्छा लगा मुझे जब उसने मेरी मानी
एंड अगेन ही स्टार्टेड लिविंग लाइफ इन किलर स्टाइल. थैंक्स तो #vodafone3G :p
ऐसा ही रहना.
मुझे जब कभी पालिवाल सर की वो बात याद आती है तो मेरी हंसी छूट पड़ती है
"यस! रिश्ता क्या है तुम्हारा उससे " :D :D :D ;) (अगर आपको भी याद हो वो किस्सा )
#स्टे_हैप्पी #kappa
मैंने उसकी क्यू हेल्प करी, कभी कभी सोचता हूँ. तो जवाब मिलता हें मुझे खुद से.
क्यूंकि ही वाज वन ऑफ़ देम, जिन्होंने मेरी मदद की थी अनजाने में ही सही.
कज व्हेन आई ब्रोकअप, यही तो थे वो साले जो मुझे हंसाया करते थे.
हँसाने से आया याद @प्रवीण का, माना की तेरे पास लैपटॉप है... :p
हम हमेशा लड़ा करते थे एक दुसरे के वजन के कारण. :D
वो 43kg था और मैं 45kg. हँसना मत..!! और अब भी ज्यादा ही हूँ प्रवीण तुझसे. B|
बहुत कूल था तू, लड़की का कोई चक्कर नहीं, मेरी तरह बस हँसने के बहाने ढूंढने वाला.
मुझ पे ही जोक्स बना के मुझे ही बहुत हंसाया तूने, ह्म्म्मम्म इसका सेंस ऑफ़ ह्यूमर काफी अच्छा है.
पता नहीं कहाँ कहाँ से जोक्स दूंढ़ लता था. हाज़िर जबाब में तो उस्ताद थे ये. आई ऑलवेज लाइकड
स्पेंडिंग टाइम विथ यू. मूविंग अहेड एक और रोंदू था क्लास में, रोंदू से मेरा मतलब ये के जो क्लास में
कभी भी आपको इनका सर हमेशा झुका हुआ ही मिलता. ग़मगीन!!! और @रवि कैसा है भाई.? lol..
इस कुत्ते को पता नहीं मेरे और मेरी एक्स के गॉसिप कहाँ से पता चल गयी.
हमेशा कहा करता था- कमीने! बहुत मजे करे तूने.
इलेक्ट्रान कहीं का..!! तू भी अच्छा दोस्त बन गया था..
इलेक्ट्रान से याद आया हमारे केमिस्ट्री वाले टीचर आमिर सर.
सर आपको बहुत ज्यादा परेशान किया, अजीब अजीब आवाज़े निकाल के, अगर आपको याद हो. :)
आप जब हमारे फेयरवेल में रोने लगे थे, तबसे हमें अपनी गलती का एहसास होने लगा था.
हमने कुछ ज्यादा ही परेशान कर दिया था है न..??
एनीवे अब हमें महसूस होता हें आप एक अच्छे टीचर के साथ इंसान भी बहुत अच्छे हैं.
एंड आई मीन इट.
अच्छाई से याद आये हमारे @पाण्डेय जी का. 96 नंबर कहीं का. :/ :D
बहुत सारी अच्छी यादें है तेरे साथ..
हमारी बातें चल रही थी जब मैंने इससे पुछा -तेरा ये सीक्रेट कितनो को पता है ?
उसने कहा- तेरे अलावा किसी को नहीं.
यू क्नो इट फील्स स्पेशल. पाण्डेय के साथ बात करना अच्छा लगता है मुझे.
और हाँ बहुत परेशान किया तुम लोगों ने मेरी एक्स को कार्की सर की कोचिंग में. हरामखोरों..!
मुझे हमेशा अफ़सोस रहा था की एक लड़की के कारण मेरी बहुतों दोस्तों से लड़ाई और मनमुटाव हो गया.
उनमे @पंकज_कन्याल भी था. अभी रीसेंटली इसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट आई और मैंने एक्सेप्ट की.
अच्छा लगा मुझे देट यू इनिसियेटेड.
क्लास की सबसे ज्यादा बात जो मुझे अब हंसाती है,वो, जब संजय सोन का वो मुछों के बिना वाला चेहरा हिंदी
वाली मैडम ने उसके मफ़लर से बाहार निकाला था. उस वक़्त तो मैम की भी हंसी छूट पड़ी थी.
थैंक्स संजय. लिट्रल्ली संजय मैं अब भी इसे टाइप करते हुए हँस रहा हूँ.
कभी कभी मैं सोचता हूँ की अगर मैं खुद को बदलता नहीं
तो मेरे पास इतने हसीं पल नहीं होते, इत्ते अच्छे दोस्त नहीं होते.
पढाई जरुरी है, लेकिन गीक बनाना भी ठीक नहीं. ज़िन्दगी जियो खुले दिल से.
हँसने के बहाने दूंढ़ों.
इन लास्ट.. आई ऍम वेरी सॉरी इफ आई हर्टेड योर फीलिंग, गुड लक फॉर योर फ्यूचर! बाय! टेक केयर! विल ऑलवेज लव यू आल..
#अस्तला_विस्ता
:- #MJ_की_कीपैड_से

No comments:
Post a Comment