रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

Thursday, 12 November 2015

रस्ते का प्यार

#लप्रेक
#रस्ते_का_प्यार
दिल्ली के सरोजनी नगर के उस व्यस्तम गली से लड़का रिंग रोड की तरफ निकल रहा था ,
जब उसकी नज़र उस पे पड़ी.
सड़क के लेफ्ट साइड में एक वाइट कलर की स्कूटी लड़खड़ाई और धड़ाम से किनारे
झाड़ियों में जा गिरी. आम दिनों उस सड़क में काफी चहल पहल हुआ करती थी,
पर उस दोपहर ऐसा कुछ नहीं था . लड़के नेअपनी बाइक किनारे लगायी और उसके पास जा पंहुचा .
अरे.. आप.. ठीक तो है न..??
ज्यादा कहीं लगी तो नहीं ..??
लड़के ने अपना हाथ नीचे, गोल सा चेहरा,
बड़ी-बड़ी आँखों में हलके काजल लगाये हुए,
होठों पे सुर्ख लाल रंग के हलके शेड की लिपस्टिक, और अपने
उलझे बालों को सुलझाती हुए लड़की की ओर बढ़ाया..
लड़की उसके टैटू में लिपटे शरीर को निहार रही थी.
ब्लैक डेनिम, ब्लैक बूट्स और जिम वेस्ट पहने वो लड़का,
शक्ल-शूरत में काफी डिसेंट लग रहा था , हाइट भी 5-11 रही होगी ..
हल्की दाढ़ी-मूछें रखे लड़के को देख वो कुछ बड़बड़ाई..
"स्मोकी हॉट..
सॉरी.. यू सेड समथिंग..?? (लड़का बोला)
इसपे लड़की ने अपनी मुंडी ऐसी हिलाई, जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो..
हाथ दूं या नहीं ..?
(बस इसी सोच में पड़ी थी कि तभी आवाज़ आई... )
एक्सक्यूज मी...!!  (हाथों को उसके चेहरे के सामने लहराते हुए..)
यू आलराईट..???
गुच्ची का रेड टॉप , वाइट जीन्स और नाइके के रेड स्नीकर्स में काफी खुबसूरत दिख रही थी.
उसने उसके बढे हाथों को ठुकराते हुए , खुद को सँभाला,
अपने जीन्स को हाथों से झाड़ कर, खड़ी हो गई .
स्कूटी उठाते हुए बोली " आई ऍम फाइन , थैंक यू"
"ओह! एटीट्युड " (लड़के ने सोचा)
वो स्कूटी उठा ही रही थी की उसके हाथ से स्कूटी दोबारा छूटी,
और स्कूटी के साथ वो भी गिरने वाली थी की उसे लगा की उसको
किसी ने संभाल लिया .
अरे आप ठीक तो है न..??
कहीं लगी तो नहीं..??
उसने जब पीछे मुड़ के देखा तो लड़का अपनी बायीं भोहें चढ़ा के ऐसे देख रहा था ,
जैसे कह रहा हो वो "देखा..!! आई वाज ऑफरिंग यू हेल्प.."
ये लड़कियां भी न..!!,
समझ लेती है लड़कों के बॉडी लैंग्वेज को , पढ़ लेती है आँखों को,
जान लेती है दिल की बातें .. लेकिन पहल नहीं करना चाहती ..
तो फिर..?? (वो बोली)
यू शुड हैव एक्सेप्टेड इट.!!
एनीवे ...
हाय..!! आई ऍम आरव.. (हाथ बढ़ाते हुए ..)
इशानी  (उधर से आवाज़ आई और फिर ख़ामोशी )
इशानी... (नाम दोहराते हुए लड़का धीरे से बोला..)
लड़के मासूम होते हें,लड़के बेवकूफ होते हैं, लड़के जिद्दी होते हैं, .
लेकिन रही बात पहल की तो मोस्टली हमें यानी लड़कों को ही करना पड़ता है .
खैर जो भी हो .. लड़के ने उसकी स्कूटी उठाई और  उसकी आँखों में देखते हुए
ही पास्ड ए डिसेंट स्माइल..
फिर लड़की ने अपनी स्कूटी स्टार्ट की, और  बिना पीछे देखे आगे चल पड़ी.
लड़का वहीं खड़ा रहा, किसी स्टेचू की तरह..
और लड़की आगे बढती हुई,
अपने रियर व्यू मिरर में लड़के को देख रही थी.
और अचानक उसने अपनी स्कूटी रोक दी..
और उसी जगह पे करने लगी इंतज़ार....
शायद आगे बढ़ते हुए, उस पीछे खड़े लड़के की आँखों को पढ़ लिया था अब उसने..
लड़के ने बाइक स्टार्ट की, एस्सलेरटर पे हाथ रखा .. और चल पड़ा ..
उसको आते देख लड़की भी चल पड़ी..
स्कूटी भी ज्यादा दूर नहीं निकली थी .
लड़के ने उसके स्कूटी के साथ बाइक की स्पीड मिलायी.
तीरछी नज़रों से उसने लड़की को मुस्कुराते हुए देखा..
फिर स्कूटी बाइक से थोड़ी आगे गयी,
लेकिन इस बार लड़की पीछे मुड़ के मुस्कुरा रही थी..
फिर क्या था...
लड़का भी पहुँच गया और फिर वो दोनों साथ चलने लगे सफ़र पर...
और एक नयी कहानी बन पड़ी ..
:- #MJ_की_कीपैड_से

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