#लप्रेक
मिश्रा जी रोज की तरह आज भी सुबह सुबह 5.30 बजे अपनी बालकनी पे जा पहुंचे.
मिश्रा जी दिल्ली के द्वारका सेक्टर- 2 के निवासी हैं. उम्र यही कोई 40 पार है.
वैसे आपको बता दूँ की डेल्ही हाईट्स के लिए सुबह 5.30 बजे उठना कोई आम बात नहीं है.
उनकी सुबह तो अमूमन 9 या 10 बजे शुरू होती है.
अच्छी खासी नौकरी, और हाँ 7 सालों से ये ठीक नहीं हैं. मतलब इनकी शादी हो चूकी है यही कोई 7 साल पहले. :D
इनको 27 जनवरी , 16 अगस्त, और होली, दीवाली के जस्ट बाद वाले दिनों से नफरत है.
बड़ा मनहूस दिन गुजरता है उनका.
कारण ये की उस दिन न्यूज़ पेपर या अखबार पब्लिश नहीं होते.
नहीं,नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है की उन्हें अखबार पढ़ना बहुत ज्यादा पसंद है.
कारण ये की, उस दिन अखबार वाला, सामने की बालकनी में अखबार नहीं दे जाता.
जी हाँ, सामने वाली बालकनी में रहने "वाली" से संबंधित है ये बात.
हाँ, जी. उन्होंने पता लगाया है की वो जो सामने रहती है, उनका डाइवोर्स हो चूका है.
अकेले और तन्हा उस 2 BHK फ्लैट में रहती है वो.
और हाँ, उसके बारे में ये भी पता चला है की, वर्किंग वीमेन है वो.
ये बालकानी वाला सिलसिला यही कोई 3 साल से चल रहा है.
बट दे नेवर एक्सचेंड् ए सिंगल वर्ड और नाइदर ए लिटिल स्माइल.
वो बस मिश्रा जी के लिए "द लकी वन" है.
सुबह 5.30 बजे से उनका इंतज़ार के घड़ी की शुरुवात हो जाती है.
सुबह 5.30 बजते ही मिश्रा जी अपनी बालकनी पे जा पहुचते है फ्रेश हो कर.
फिर उस पल का तब तक इंतज़ार करते हैं जब तक सामने वाली बालकनी में मिस अकांक्षा अखबार उठाने न आ जाये.
बस 2 सेकंड के लिए उनके चेहरे का दीदार हो पाता है.
ये 2 सेकंड आने वाले 86398 सेकंड्स को खुशनुमा बना जाते है.....
लेकिन आज घना कोहरा छाया हुआ है उनके बीच.
उनको अखबार के बालकनी में गिरने की आवाज़ आती है.
लेकिन धुंध इतनी ज्यादा है की वो सामने का कुछ नहीं देख सकते..
शायद आज दिन फिर मनहूस कटने वाला है.
#कमबख्त_कोहरा #कमबख्त_ठंडियाँ कह कर वो अन्दर चले जाते है.
#ठंडियाँ_मुबारक_को
:- #MJ_की_कीपैड_से

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