रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

Friday, 17 July 2015

तेरे जाने के बाद


“तेरे जाने के बाद”
अब ना बेवजह
 मुसकुराऊंगा,
अब ना खुद
की नज़रों से
 शरमाउंगा,
अब ना सबसे
 नज़रें चुराऊंगा,
अब ना कोई
नए गीत बनाऊंगा,
अब ना कोई नयी
 धुन गुनगुनाऊंगा,
अब ना कोई
नयी कहानी बनाऊंगा,
अब ना कोई
नये बहाने सुनाऊंगा |
किसी को ना बताऊंगा
कि कितना अकेला
 रहने लगा हूँ,
खुद से ही
 बातें. करने लगा हूँ,
ज़रा सी आहट पे
 डरने लगा हूँ,
रह‐रह के आँखों को
नम करने लगा  हूँ,
ऐसे जी‐जी के ,
 मरने लगा  हूँ,
उस रब से
दुआ करने लगा  हूँ,
की तुझे खुश रखे,
होठों पे तेरे,
वो .प्यारी सी,
वो मासूम सी,
हंसी बनाये रखें,
तुझे मुसकुराएं रखे |
:- #MJ_की_कीपैड_से

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