रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

Saturday, 18 July 2015

यूँ ही - जिद

एक ‪#‎जिद‬  थी,
तुझे पाने की,
जिद थी तेरी आँखों में,
बस जाने की,
जिद थी साँसों में,
तेरे उतर जाने की,
जिद थी तुझे,
 अपना बनाने की,
लेकिन वो सब
पीछे छूट गया ,
जब तूने जिद किया
ये जिद भूल 
जाने की |

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