रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

Tuesday, 28 July 2015

तेरी गली

ये जो तेरी गली है ना !
इसका अभी तक
न मुझसे मोह टूटा है
इसमें अब भी वफ़ा है
जब से साथ तेरा छूटा है,
इसमें अब भी वो बात है|
ये तेरी जैसी नहीं
जिसने मुझे लूटा है ,
इसके साथ में
अब भी वो एहसास है ,
मानो,
जैसे तू अब भी
मेरे पास है,
ये अब भी मुझे
बुलाती है ,
साथ तेरे जो
बीते पल थे
उसकी याद दिलाती है ,
मैं चाहूँ या न चाहूँ,
जब भी कभी गुजरता
हूँ सामने से,
नज़रें तेरी गली में
चली जाती है
ये जो तेरी गली है ना !
इसमें अब भी वो
पुरानी वाली  बात है|
    :- #MJ_की_कीपैड_से

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