“तेरा मेरा साथ”
“..दोबारा”
The End...??
कैसे न जाता उन गलियों में दोबारा,
जहाँ साथ छूटा था हमारा |
उनकी कसमों का तो बहाना था,
आज नहीं तो कल
दोबारा उन गलियों में जाना था |
फिर वैसी ही शाम थी,
पर अंदाज़ नया था |
ज़ज्बात वही थे,
पर आग़ाज़ नया था |
मिलते ही उसने पुछा था
कैसे हो ..??
(मैं as usual #सेक्सी कहने वाला था..!!)
but मैंने कहा..
जैसे चाँद, तारों के बिना,
फूल, बहारों के बिना,
नींदें, ख्वाबों के बिना,
अधूरा.! गुमशुम.! नीरस.!
(हँस के बोली “झूठा”..!!)
(हँसते हुए मैंने कहा कसम से)
फिर मैंने पूछा कैसे कटे ये दिन ..??
(हल्की मुस्कुराहट के साथ बोली..)
सांसें ले रही थी,
दिल भी धड़क रह था,
नब्ज़ भी ठीक-ठाक चल रही थी,
अगर तुम इसे ही जीना कहते हो..?
तो हाँ..!!
मैं जी रही थी..|
(अपनी नम आँखों को पोछते हुए पुछा.. )
इतना प्यार कब हो गया तुझे ..??
(वो मुस्कुराने लगी .. बोली..)
जब सांसो को मेरी
तुमने चलना सिखाया ,
जब धडकनों को मेरी
तुमने धडकना सिखाया,
जब जिस्म को मेरे
तुमने जीना सिखाया..|
अच्छा..?? ये बात..??
बोली.. हाँ जी.!!
फिर मैंने पुछा ..
अच्छा..!!
तो ये बताना कब-कब मेरी याद आई..??
कब-कब मेरा नाम लिया..??
कब-कब मेरे ख्यालों में डूबी..??
और कब मुझे महसूस किया..??
बोली इत्ते सवाल..?? एक साथ..?
(शरारत भरी आँखों से मैंने कहा हाँ जी..!!)
बोली..
जब खुले लव , तब तेरा नाम लिया ,
जब-जब आँखें बंद हुई
ख्यालों में तेरी डूबी ,
और.. महसूस..!!
तब किया जब-जब सांसें ली ..!!
(सुनते ही लव से मेरे निकला
“आई लव यू टू..” )
(शरमा के बोली हट..!!)
शायद उस खुदा को भी
आज हमारा साथ भाया था,
तभी तो उसने बूंदों के
फुहार को बरसाया था..!!
आज भी हाथों में हाथ था,
साथ फिर हमदम का साथ था |
बरसात थी... और..??
मंजिल भी न कोई पास था..!
भींगी- भींगी सी थी वो,
भींगा-भींगा सा था मैं |
भीँगी थी उसकी आँखें,
आँखों का काज़ल |
भींगी- भींगी जुल्फे,
जुल्फें जैसे घने बादल|
मैंने कहा
“ #गर्दा_लग_रही_है_तू...!!”
(मेरे इस बात पे हँस पड़ी वो..)
फिर बोली..
मेरा ये सजना संवरना
तेरे लिए ही तो है..
मेरी आँखों का काजल
तेरे लिए ही तो है..
ये #pony_tail वाले बाल
तेरे लिए ही तो है..
(ओह कुड़ी दिल जीत लेते तुस्सी..!!!)
मैंने पुछा चाहती क्या है..??
वो कुछ बोलती इससे पहले
मेरे फ़ोन की स्क्रीन पे नाम आया
“ Do Not Call Her ” #calling…
धडकनें मेरी बढ़ी थी ..
सांसें तेज़ हो चुकी थी..
नज़रें भी झुकी थी..
बोली..
नज़रों ने तेरी सब कह दिया ,
वो कसमें वो वादें अब छूटे,
साथ जीने के इरादे,
इस बार भी थे झूठे|
तेरे लिए मैंने खुद को मिटा दिया,
अपने पराये सब को भुला दिया,
और तूने..??
मोहब्बत का मेरी ये सिला दिया..??
मैं चुप था..
बस चुप था..
कहना चाहता था कुछ..
पर मैं चुप था..!!
उसने कागज़ पर कुछ लिखा और
मुझे थमा दिया
#To_hell_with
“Tera Mera Saath”
: - शनाया
“..दोबारा”
The End...??
कैसे न जाता उन गलियों में दोबारा,
जहाँ साथ छूटा था हमारा |
उनकी कसमों का तो बहाना था,
आज नहीं तो कल
दोबारा उन गलियों में जाना था |
फिर वैसी ही शाम थी,
पर अंदाज़ नया था |
ज़ज्बात वही थे,
पर आग़ाज़ नया था |
मिलते ही उसने पुछा था
कैसे हो ..??
(मैं as usual #सेक्सी कहने वाला था..!!)
but मैंने कहा..
जैसे चाँद, तारों के बिना,
फूल, बहारों के बिना,
नींदें, ख्वाबों के बिना,
अधूरा.! गुमशुम.! नीरस.!
(हँस के बोली “झूठा”..!!)
(हँसते हुए मैंने कहा कसम से)
फिर मैंने पूछा कैसे कटे ये दिन ..??
(हल्की मुस्कुराहट के साथ बोली..)
सांसें ले रही थी,
दिल भी धड़क रह था,
नब्ज़ भी ठीक-ठाक चल रही थी,
अगर तुम इसे ही जीना कहते हो..?
तो हाँ..!!
मैं जी रही थी..|
(अपनी नम आँखों को पोछते हुए पुछा.. )
इतना प्यार कब हो गया तुझे ..??
(वो मुस्कुराने लगी .. बोली..)
जब सांसो को मेरी
तुमने चलना सिखाया ,
जब धडकनों को मेरी
तुमने धडकना सिखाया,
जब जिस्म को मेरे
तुमने जीना सिखाया..|
अच्छा..?? ये बात..??
बोली.. हाँ जी.!!
फिर मैंने पुछा ..
अच्छा..!!
तो ये बताना कब-कब मेरी याद आई..??
कब-कब मेरा नाम लिया..??
कब-कब मेरे ख्यालों में डूबी..??
और कब मुझे महसूस किया..??
बोली इत्ते सवाल..?? एक साथ..?
(शरारत भरी आँखों से मैंने कहा हाँ जी..!!)
बोली..
जब खुले लव , तब तेरा नाम लिया ,
जब-जब आँखें बंद हुई
ख्यालों में तेरी डूबी ,
और.. महसूस..!!
तब किया जब-जब सांसें ली ..!!
(सुनते ही लव से मेरे निकला
“आई लव यू टू..” )
(शरमा के बोली हट..!!)
शायद उस खुदा को भी
आज हमारा साथ भाया था,
तभी तो उसने बूंदों के
फुहार को बरसाया था..!!
आज भी हाथों में हाथ था,
साथ फिर हमदम का साथ था |
बरसात थी... और..??
मंजिल भी न कोई पास था..!
भींगी- भींगी सी थी वो,
भींगा-भींगा सा था मैं |
भीँगी थी उसकी आँखें,
आँखों का काज़ल |
भींगी- भींगी जुल्फे,
जुल्फें जैसे घने बादल|
मैंने कहा
“ #गर्दा_लग_रही_है_तू...!!”
(मेरे इस बात पे हँस पड़ी वो..)
फिर बोली..
मेरा ये सजना संवरना
तेरे लिए ही तो है..
मेरी आँखों का काजल
तेरे लिए ही तो है..
ये #pony_tail वाले बाल
तेरे लिए ही तो है..
(ओह कुड़ी दिल जीत लेते तुस्सी..!!!)
मैंने पुछा चाहती क्या है..??
वो कुछ बोलती इससे पहले
मेरे फ़ोन की स्क्रीन पे नाम आया
“ Do Not Call Her ” #calling…
धडकनें मेरी बढ़ी थी ..
सांसें तेज़ हो चुकी थी..
नज़रें भी झुकी थी..
बोली..
नज़रों ने तेरी सब कह दिया ,
वो कसमें वो वादें अब छूटे,
साथ जीने के इरादे,
इस बार भी थे झूठे|
तेरे लिए मैंने खुद को मिटा दिया,
अपने पराये सब को भुला दिया,
और तूने..??
मोहब्बत का मेरी ये सिला दिया..??
मैं चुप था..
बस चुप था..
कहना चाहता था कुछ..
पर मैं चुप था..!!
उसने कागज़ पर कुछ लिखा और
मुझे थमा दिया
#To_hell_with
“Tera Mera Saath”
: - शनाया

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