रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

Saturday, 18 July 2015

यूँ ही - मेरा जवाब

"जबाव"
उन्होंने कहा की तुम भी मुझे
एक दिन ओरों की तरह 
छोड़ के चले जाओगे ,
मैंने कहा, मुझे आज़मा के देख लो
अपनी आखरी सांस तक
तुम्हारा साथ निभाऊंगा |
तेरी हंसी पे में मुस्कुराऊंगा ,
गीतों पे तेरी में गुनगुनाऊंगा |
दुआ उसकी रही तो
न आशिक ,न मजनू , न रांझा
एक हमसफ़र बन
जाऊंगा |
क़दमों से तेरी क़दमों को मिलाऊंगा |
कड़ी धूप में तेरा
साया बन जाऊंगा |
मुझे आजमा के देख ले
कभी न साथ छोड़ने वाला
हमसफ़र बन जाऊंगा |
:- ‪#‎MJ_की_कलम_से‬

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