रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

Friday, 17 July 2015

कुछ भी - नौकरानी से महारानी

कि उसने जब मुझसे नज़रें मिलायी ,
तब मैंने,
उससे अपनी नज़र चुराई ,
फिर उसने हाथ तक मेरे
अपनी पहुँच बनाई,
मैंने पुछा,
तेरी रज़ा क्या है?
बोली,
15 मिनट है तेरे पास,
इन 15 मिनट में ,
मैं तेरी हूँ और
तू मेरा है,
कर ले तू मनमानी ,
कर चाहे नादानी या
कोई शैतानी,
मुझे ना होगी इत्ती सी भी हैरानी |
मैंने कहा,
ओ मैडम!
कल ही अपनी सैलरी ले लियो,
बहुत काम पड़े है,
ना बन नौकरानी से महारानी |
#कुछ_भी

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