रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

रास्ता पता है मगर..मंजिल से अनजान हूँ

Saturday, 18 July 2015

कुछ भी - रिंगटोन

मैँने कहा,
मेरी जिँदगी मेँ आजा
मुझसे दूर न जा,
तुझसे प्यार करने लगा हूँ
तुझपे मरने लगा हूँ, 
बोल क्या ख्याल है.?
इतने मेँ उसका फोन बजा.
होश मेरा फाख्ता हो गया
रिँगटोन उसका समझ मुझे आया
कमड़िया..
कमड़िया ..
करे लपालप.
लालीपाप..
लागेलू..
Call end karke sharma k boli
‪#‎हाँ‬!
और सिर झुकाया
और अपनी नजरोँ को उपर उठाया
तो उसने सामने किसी को ना पाया!
‪#‎कुछ_भी‬ |

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